सरस्वती चालीसा

  1. सरस्वती चालीसा हिंदी, वीडियो, Pdf
  2. सरस्वती चालीसा
  3. Saraswati Chalisa with Meaning
  4. [Lyrics & PDF] माँ सरस्वती चालीसा
  5. Shri Saraswati Chalisa in Hindi
  6. Saraswati Chalisa


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सरस्वती चालीसा हिंदी, वीडियो, Pdf

पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु॥ ॥ चौपाई ॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥ जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥ रूप चतुर्भुजधारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥ जग में पाप बुद्धि जब होती। जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥ तबहि मातु ले निज अवतारा। पाप हीन करती महि तारा॥ बाल्मीकि जी थे हत्यारा। तव प्रसाद जानै संसारा॥ रामायण जो रचे बनाई। आदि कवी की पदवी पाई॥ कालिदास जो भये विख्याता। तेरी कृपा दृष्टि से माता॥ तुलसी सूर आदि विद्धाना। भये और जो ज्ञानी नाना॥ तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा। केवल कृपा आपकी अम्बा॥ करहु कृपा सोइ मातु भवानी। दुखित दीन निज दासहि जानी॥ पुत्र करै अपराध बहूता। तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥ राखु लाज जननी अब मेरी। विनय करूं बहु भांति घनेरी॥ मैं अनाथ तेरी अवलंबा। कृपा करउ जय जय जगदंबा॥ मधु कैटभ जो अति बलवाना। बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥ समर हजार पांच में घोरा। फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥ मातु सहाय भई तेहि काला। बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥ तेहि ते मृत्यु भई खल केरी। पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥ चंड मुण्ड जो थे विख्याता। छण महुं संहारेउ तेहि माता॥ रक्तबीज से समरथ पापी। सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥ काटेउ सिर जिम कदली खम्बा। बार बार बिनवउं जगदंबा॥ जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा। छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥ भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई। रामचंद्र बनवास कराई॥ एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा। सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥ को समरथ तव यश गुन गाना। निगम अनादि अनंत बखाना॥ विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी। जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥ रक्त दन्तिका और शताक्षी। नाम अपार है दानव भक्षी॥ दुर्गम काज धरा पर कीन्हा। दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥ दुर्ग ...

सरस्वती चालीसा

सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa PDF Hindi सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa Hindi PDF Download Download PDF of सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa in Hindi from the link available below in the article, Hindi सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa Hindi सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है। सरस्वती जी को वाग्देवी के नाम से भी जाना जाता है। सरस्वती जी को श्वेत वर्ण अत्यधिक प्रिय होता है। श्वेत वर्ण सादगी का परिचायक होता है। सरस्वती चालीसा का पाठ करने से मनुष्य बुद्धिमान बनता है। किसी भी प्रतियोगता में भाग लेने से पहले माँ सरस्वती का ध्यान जरूर करना चाहिए और सरस्वती चालीसा का पाठ करके माँ सरस्वती की पूजा करें। हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसी दिन विद्या की देवी का सरस्वती की भी जयंती मनाई जाती है। बसंत पंचमी पर लोग पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। श्री सरस्वती चालीसा हिन्दी अनुवाद सहित | Shri Saraswati Chalisa Lyrics PDF in Hindi ॥ दोहा ॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे ...

Saraswati Chalisa with Meaning

यदि आप सम्पूर्ण श्री सरस्वती चालीसा हिंदी में (Saraswati Chalisa Lyrics) पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | चालीसा को शांत मन के साथ, अपने आप को देवी सरस्वती के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है | सरस्वती चालीसा शक्तिशाली प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। Table of Contents • • • • • • • • • श्री सरस्वती चालीसा हिंदी अर्थ सहित – Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi ॥ दोहा ॥ जनक जननि पदम दुरज, निज मस्तक पर धारि । बन्दौं मातु सरस्वति, बुद्धि बल दे दातारि ॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु । रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु ॥ हिंदी अर्थ : माता-पिता के चरणों की धूल मस्तक पर धारण करते हुए हे सरस्वती मां, आपकी वंदना करता हूं/करती हूं, हे दातारी मुझे बुद्धि की शक्ति दो। आपकी अमित और अनंत महिमा पूरे संसार में व्याप्त है। हे मां रामसागर (चालीसा लेखक) के पापों का हरण अब आप ही कर सकती हैं। रूप चतुर्भुज धारी माता, सकल विश्व अन्दर विख्याता । जग में पाप बुद्धि जब होती, तबही धर्म की फीकी ज्योति । तबहि मातु का निज अवतारा, पापहीन करती महि तारा । हिंदी अर्थ : बुद्धि का बल रखने वाली अर्थात समस्त ज्ञान शक्ति को रखने वाली हे देवी माँ सरस्वती आपकी जय हो। सब कुछ जानने वाली, अमर, कभी न नष्ट होने वाली देवी माँ सरस्वती आपकी जय हो। अपने हाथों में वीणा धारण करने वाली एवं हंस की सवारी करने वाली देवी माँ सरस्वती आपकी जय हो। हे मां आपका चार भुजाओं वाला रुप पूरे संसार में प्रसिद्ध है। जब-जब इस दुनिया में पाप बुद्धि अर्थात विनाशकारी और अपवित्र वैचारिक कृत्यों का चलन बढता है तो धर्म की ज्योति मंद हो जाती है। हे देवी माँ सरस्वती तब आप अवत...

[Lyrics & PDF] माँ सरस्वती चालीसा

आप चालीसा के लिरिक्स को पढने के साथ ही इसे PDF में भी डाउनलोड कर सकते है | PDF में डाउनलोड करने का लिंक नीचे दिया गया है | Shree Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi ।। दोहा ।। जनक जननी पद्मरज, निजमस्तक पर धारि, बन्दों मातु सरस्वती, बुद्धि बल देदा तारी । पूर्णबजगत में व्याप्ततव, महिमा अमित अनंतु, रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु । ।। चौपाई ।। जय श्री सकल बुद्धिबलरासी, जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी, जय जय जय वीणाकरधारी, करती सदा सुहंस सवारी । रूप चतुर्भुज धारीमाता, सकल विश्वअंतर विख्याता, जग में पाप बुद्धि जब होती, तब ही धर्म की फीकी ज्योति । तब ही मातु का निज अवतारी, पाप हीन करती महतारी, वाल्मीकि जी थे हत्यारा, तव प्रसाद जानै संसारा । रामचरित जी रचे बनाई, आदिकवि की पदवी पाई, कालिदास जो भये विख्याता, तेरी कृपादृष्टि से माता । तुलसी सुर आदि विद्वाना, भये और जो ज्ञानी नाना, तिन्हन और रहेउ अवलम्बा, केवल कृपा आपकी अम्बा । करहु कृपा सोई मातु भवानी, दुखित दीन निज दासहि जानी, पुत्र करहिं अपराध बहुता, तहिन धराई चितमाता । राखु लाज जननी अब मेरी, विनय कराऊँ भांति बहुतेरी, मैं अनाथ तेरी अवलंबा, कृपा कराऊ जय जय जगदम्बा । मधुकैटभ जो अति अवलंबा, बाहू युद्ध विष्णु से ठाना, समर हजार पांच में घोरा, फिर भी मुख उन से नहीं मोरा । मातु सहाय कीन्हतेहि काला, बुद्धि विपरीत भई खलहाला, तेहिते मृत्यु भई खाल केरी, पुरवहु मातु मनोरथ मेरी । चंडमुण्ड जो थे विख्याता, क्षण महु संहारे उन माता, रक्तबीज से समरथ पापी, सुरमुनि हृदय धरा सब काँपी । काटेउ सिर जिमि कद्लिखम्बा, बार बार बिनवऊं जगदम्बा, जग प्रसिद्ध जो शुभ निशुम्भा, क्षण में बांधे ताहि तू अम्बा । भरत मातु बुद्धि फेरे ऊजाई, रामचन्द्र बनवास कराई, एहि विधि रावण...

Shri Saraswati Chalisa in Hindi

॥दोहा॥ जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु॥ माता-पिता के चरणों की धूल मस्तक पर धारण करते हुए हे सरस्वती मां, आपकी वंदना करता हूं/करती हूं, हे दातारी मुझे बुद्धि की शक्ति दो। आपकी अमित और अनंत महिमा पूरे संसार में व्याप्त है। हे मां रामसागर (चालीसा लेखक) के पापों का हरण अब आप ही कर सकती हैं। ॥चौपाई॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥ जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥ रूप चतुर्भुजधारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥ जग में पाप बुद्धि जब होती। जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥ तबहि मातु ले निज अवतारा। पाप हीन करती महि तारा॥ बुद्धि का बल रखने वाली अर्थात समस्त ज्ञान शक्ति को रखने वाली हे सरस्वती मां, आपकी जय हो। सब कुछ जानने वाली, कभी न मरने वाली, कभी न नष्ट होने वाली मां सरस्वती, आपकी जय हो। अपने हाथों में वीणा धारण करने वाली व हंस की सवारी करने वाली माता सरस्वती आपकी जय हो। हे मां आपका चार भुजाओं वाला रुप पूरे संसार में प्रसिद्ध है। जब-जब इस दुनिया में पाप बुद्धि अर्थात विनाशकारी और अपवित्र वैचारिक कृत्यों का चलन बढता है तो धर्म की ज्योति फीकी हो जाती है। हे मां तब आप अवतार रुप धारण करती हैं व इस धरती को पाप मुक्त करती हैं। बाल्मीकि जी थे हत्यारा। तव प्रसाद जानै संसारा॥ रामायण जो रचे बनाई। आदि कवी की पदवी पाई॥ कालिदास जो भये विख्याता। तेरी कृपा दृष्टि से माता॥ तुलसी सूर आदि विद्धाना। भये और जो ज्ञानी नाना॥ तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा। केवल कृपा आपकी अम्बा॥ हे मां सरस्वती, जो वाल्मीकि जी हत्यारे हुआ करते थे, उनको आपसे जो प्रसाद मिला, ...

Saraswati Chalisa

Pandharpur mela 2023 : प्रत्येक वर्ष देवशयनी एकादशी के मौके पर पंढरपुर में लाखों लोग भगवान विट्ठल और रुक्मणि की महापूजा देखने के लिए एकत्रित होते हैं। यहां पर एक भव्य मेला भी लगता है। पंढरपुर नामक जगह महाराष्ट्र में है जहां भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मंदिर है। यहां श्रीकृष्ण को विठोबा कहते हैं। यह हिन्दू मंदिर विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के रूप में जाना जाता है। पंढरपुर का विठोबा मंदिर पश्चिमी भारत के दक्षिणी महाराष्ट्र राज्य में भीमा नदी के तट पर शोलापुर नगर के पश्चिम में स्थित है। धार्मिक शास्त्रों में एकादशी व्रत के दिन उपवास करने का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। मान्यता नुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से ही कुछ बातों का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए तथा सावधानीपूर्वक नियमों का पालन करते हुए एकादशी व्रत करना चाहिए। यहां पढ़ें एकादशी पर क्या करें, क्या न करें- Cyclone Biparjoy Update : चार धामों में से एक द्वारिका धाम का मंदिर लगभग 2 हजार से भी अधिक वर्ष पुराना है। गुजरात में स्थित श्री कृष्ण के इस मंदिर के कई रहस्य आज भी उजागर नहीं हुई हैं। हाल ही में गुजरात तट पर आए बिपरजॉय चक्रवात के बीच मंदिर के शिखर पर दो ध्वजा फहराए गए हैं जिसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें कही जा रही है।