परागण किसे कहते हैं उदाहरण दीजिए

  1. RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन
  2. परागण किसे कहते है ? स्वपरागण तथा परपरागण में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए
  3. जीवोम किसे कहते हैं
  4. UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants – UP Board Solutions
  5. योगरूढ़ शब्द के उदाहरण दीजिए ? example of yog rudh words in hindi योगरूढ़ शब्द किसे कहते है
  6. स्वपरागण तथा परपरागण को उदाहरण देकर समझाइये ?
  7. स्वपरागण किसे कहते हैं
  8. वर्तुल गति किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
  9. जीवोम किसे कहते हैं


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RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन

हेलो स्टूडेंट्स, यहां हमने राजस्थान बोर्ड Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student RBRBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन pdf Download करे| RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन notes will help you. Board RBSE Textbook SIERT, Rajasthan Class Class 8 Subject Science Chapter Chapter 6 Chapter Name पौधों में जनन Number of Questions Solved 54 Category RBSE Solutions Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन पाठगत प्रश्न पृष्ठ 60 प्रश्न 1. क्या आपने कभी सोचा है कि नीम के पेड़ के नीचे नीम के पौधे ही क्यों उगते हैं? अथवा बकरी अपने ही समान बच्चे को जन्म क्यों देती है? उत्तर: सभी जीवों में जीन संरचना पाई जाती है जो प्रत्येक जीव में निश्चित है। आनुवंशिकता के नियम के आधार पर यह निश्चित संरचना जनन के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित होती है, जिससे प्रत्येक जीव अपने समान गुण की सन्तति पैदा करता है। यही कारण है कि नीम के पेड़ से प्राप्त बीज से होने वाली पादप नीम का ही होता है अथवा बकरी अपने समान ही बच्चे को जन्म देती है। पृष्ठ 63-64 प्रश्न 2. धतूरे के पुष्प को देखकर निम्न सारणी को भरिए क्र.सं. नाम संरचना संख्या रंग कार्य 1. बाह्यदल 2. दल 3. पुंकेसर 4. स्त्रीकेसर उत्तर: क्र.सं. नाम संरचना संख्या रंग कार्य 1. बाह्यदल 5 हरा जनन प्रक्रियामें सहायता 2. दल 5 सफेद जनन प्रक्रियामें सहायता 3. पुंकेसर 3से 5 पीले सफेद नर युग्मकका निर्माण 4. स्त्रीकेसर एक हरा सफेद मादा युग्मकका निर्माण पृष्ठ 66 प्रश्न 3. क्या सभी फलों में बीज होते हैं?...

स्वयं

विषयसूची Show • • • • नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Bandana classes.com पर । आज की पोस्ट में हम आपको स्वपरागण और परपरागण में क्या अंतर होता है ? स्वपरागण (self pollination) किसे कहते हैं? पर परागण (cross pollination) किसे कहते हैं ? इन सभी के बारे में जानकारी देंगे । तो आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है। अगर दोस्तों अभी तक आपने हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन नहीं किया है तो नीचे आपको लिंक दी गई है ज्वाइन और सब्सक्राइब करने की तो वहां से आप हमारे telegram group को ज्वाइन और YouTube channel (Bandana study classes) को सब्सक्राइब कर ले जहां पर आप को महत्वपूर्ण वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर मिल जाएंगे। 👉Subscribe my YouTube channel👈 👉Join my Telegram group👈 परागण किसे कहते हैं? परागकोषों में परागकण बनने के बाद आवश्यक है कि परागकण नर केंद्रक मादा युग्मक अंड तक पहुंचे। पुष्प के परागकोष से परागकणों के उसी पुष्प अथवा दूसरे पौधों के किसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुंचने की क्रिया को परागण कहते हैं। परागण के प्रकार (Types of Pollination) इसके दो प्रकार होते हैं - स्वपरागण परपरागण यह भी पढ़ें 👇👇👇 👉दूरी और विस्थापन में अंतर 👉चाल और वेग में अंतर 👉लैंगिक और अलैंगिक जनन में अंतर स्वपरागण 1. इस प्रक्रिया में किसी एक पुष्प के पराग कणों का स्थानांतरण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र (स्वयुग्मन)अथवा उसी पौधे पर उत्पन्न अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र पर (स्वजात युग्मन) होता है। 2. इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले पुष्पों के पराग कोष और वर्तिकाग्रों के परिपक्व होने का समय एक ही होता है। 3. बंद पुष्पी अवस्था में स्वपरागण की प्रक्रिया ही संभव है। 4. स्वपर...

परागण किसे कहते है ? स्वपरागण तथा परपरागण में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए

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जीवोम किसे कहते हैं

व्यष्टि (Individuals) किसी भी सजीव तंत्र की आधारभूत इकाइयाँ व्यष्टिगत जीव होते हैं। आनुवंशिक पदार्थ का विनिमय यानी जनन और उससे होने वाला प्रगुणन जीवों के स्तर पर होता है। और इस . प्रकार स्पीशीज का पर्यावरण के प्रति अनुकूलन व्यष्टिगत जीव के स्तर पर होता है। समष्टि (Population) आवास के भीतर किसी पीड़क स्पीशीज की तमाम व्यष्टियों को एक साथ मिलाकर समष्टि कहा जाता है। उदाहरणतः चावल के किसी खेत में चावल के तना छेदक की तमाम व्यष्टियां मिलकर समष्टि कहलाएंगे। इसी प्रकार चावल के खेत में किसी मकड़ी स्पीशीज की। तमाम व्यष्टियां उसकी समष्टि कहलाएंगे। पीड़क स्पीशीज की व्यष्टियों में होने वाली परस्पर प्रतिस्पर्धा अंतः प्रजातीय अंतःस्पीशीजी प्रतिस्पर्धा (intrsapecific competition) कहलाती है। जैविक समुदाय (Biotic community) किसी एक आवास में जीवों की समस्त समष्टियों को एक साथ मिलाकर जैविक समुदाय का नाम दिया जाता है। उदाहरण के लिए, चावल के खेत में अनेक समष्टियां आएंगी- चावल के पौधे की समष्टि, खरपतवारों की समष्टि, सभी पीड़कों जैसे चावल का तना बेधक, भूरा पादप फुदका, स्टिंक बग आदि की समष्टियां, प्राकृतिक शत्रुओं जैसे मकड़ियों, कॉक्सीनेलिडो की समष्टियां, परजीवों एवं रोगजनकों की समष्टियां, और अन्य जीवों की भी समष्टियां। किसी पीड़क स्पीशीज की व्यष्टियां आपस में प्रतिस्पर्धा करती हो सकती हैं (अंतः प्रजातीय प्रतिस्पर्धा) और वे अन्य स्पीशीज की व्यष्टियों से भी प्रतिस्पर्धा करती हैं। भिन्न स्पीशीज की व्यष्टियों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा को अंतर्ग्रजातीय (अंतरास्पीशीज) प्रतिस्पर्धा (interspecific competition) कहते हैं। पारितंत्र (Ecosystem) जैविक समुदाय की अपने पर्यावरण के भौतिक कारकों जैसे ताप, आर्द्रता, ...

UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants (पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन) are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 12 Subject Biology Chapter Chapter 2 Chapter Name Sexual Reproduction in Flowering Plants Number of Questions Solved 54 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants (पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन) अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. एक आवृतबीजी पुष्प के उन अंगों के नाम बताएँ, जहाँ नर एवं मादा युग्मकोभिद् का विकास होता है? उत्तर आवृतबीजी पादप (angiospermic plant) पुष्पीय पादप हैं। पुष्प एक रूपान्तरित प्ररोह (modified shoot) है जिसका कार्य प्रजनन होता है। पुष्प में निम्नलिखित चार चक्र होते हैं – (क) बाह्यदलपुंज (Calyx) – इसका निर्माण बाह्यदल (sepals) से होता है। (ख) दलपुंज (Corolla) – इसका निर्माण दल (petals) से होता है। (ग) पुमंग (Androecium) – इसका निर्माण पुंकेसर (stamens) से होता है। यह पुष्प का नर जनन चक्र कहलाता है। (घ) जायांग (Gynoecium) – इसका निर्माण अण्डप (carpels) से होता है। यह पुष्प का मादा जनन चक्र कहलाता है। पुंकेसर के परागकोश (anther) में परागकण मातृ कोशिका (pollen mother cells) से अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा परागकण (pollen grains) का निर्माण होता है। परागकण नर युग्मकोभिद् (male gametophyte) कहलाता है। अण्डप (carpel) के तीन भाग होते हैं – अण्डाशय (ovary), वर्तिका (style) तथा वर्तिकाग्र (stigma)। अण्डाशय में बीजाण्ड का निर्माण होता है। बीजाण्ड के बीजाण्डकाय की गुरुबीजाणु मातृ कोशिका (mega spore mother...

योगरूढ़ शब्द के उदाहरण दीजिए ? example of yog rudh words in hindi योगरूढ़ शब्द किसे कहते है

प्रश्न: अक्षर किसे कहते हैं? उत्तर: वह ध्वनि या ध्वनि समूह जिसका उच्चारण एक साँस याप्रयत्न में होता है, अक्षर कहलाता है। प्रश्न: शब्द किसे कहते हैं? उत्तर: शब्द-एक या अधिक वर्षों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को ‘शब्द‘ कहते हैं। या निश्चित अर्थ को प्रकट करने वाले वर्ण-समूह को शब्द कहते हैं। प्रश्न: रूढ़ शब्द किसे कहते हैं उत्तर: जो शब्द एक अर्थ विशेष या वस्तु विशेष के लिये प्रयुक्त ! हों या जो अपने मूल रूप में व्यवहार में लाये जायें। जैसेकुर्सी, फूल आदि। ‘कुर्सी‘ कहते ही हमारे दिमाग में चार पाँव वाली वह चीज, जिस पर बैठा जा सकता है, घूम की जाती है। प्रश्न: यौगिक शब्द किसे कहते हैं? उत्तर: वे शब्द जो दो या अधिक शब्दों के योग से बने हों, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। जैसे-हिम ++ आलय = हिमालय, प्रधान + मंत्री = प्रधानमंत्री। प्रश्न: योगरूढ़ शब्द किसे कहते हैं? उत्तर: जो शब्द दो शब्दों के मेल से तो बने हैं परन्तु किसी अन्य अर्थ विशेष का बोध करवाते हैं, एक निश्चित अर्थ के लिए प्रयुक्त होते हैं, उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं। उदाहरणार्थ -चारपाई अर्थात् चार पाये हैं जिसके। यहाँ चारपाई का अर्थ खाट से है न कि गाय, कुर्सी आदि से। इस प्रकार इन शब्दों में योग भी हुआ और निश्चित अर्थ रूढ़ भी हो गया। प्रश्न: समासरूढ़ शब्द किसे कहते हैं? उत्तर: सामसिक शब्दों में भी कुछ शब्दों का अर्थ रूढ़ हो गया है, उन्हें ‘समासरूढ़‘ शब्द कहते हैं, जैसे-दशानन। दशानन का अर्थ ‘दशमुख वाला‘, पर यह शब्द केवल रावण के लिए प्रयुक्त होता है। पीताम्बर, नीलकण्ठ, षडानन, पंचानन आदि शब्द समास रूढ़ शब्द हैं। प्रश्न: तत्सम शब्द किसे कहते हैं? उत्तर: जो शब्द संस्कृत से ज्यों के त्यों ले लिए गये, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। जैसे-भू...

स्वपरागण तथा परपरागण को उदाहरण देकर समझाइये ?

Solution:जब परागण क्रिया एक ही पादप के नर और मादा जनन अंगों तक सीमित हो तो इसे स्वपरागण कहते हैं। इसके विपरीत जब परागण क्रिया में दो अलग-अलग पौधों के जननांग सम्मिलित हों तो इसे परपरागण कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि एक पुष्प के परागकण दूसरे पौधे के दूसरे पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं तब उसे परपरागण कहा जाता है। दोस्तों हम आज आपको जीव विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक स्वपरागण और परपरागण में अंतर बताएंगे। साथ ही साथ Hindiamrit पौधे एवं उनकी क्रियाये के अन्तर्गत आपको परागण किसे कहते हैं,परागण के प्रकार,स्वपरागण किन पौधों में होता है,परपरागण किन पौधों में होता है,आदि सारी बातों की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। Contents • 1 स्वपरागण और परपरागण में अंतर • 2 परागण किसे कहते हैं || what is pollination • 2.1 परागण के प्रकार || types of pollination • 2.2 स्वपरागण (self pollination) • 2.2.1 स्वपरागण किन पौधों में होता है • 2.3 परपरागण किसे कहते है || what is cross pollination • 2.3.1 परपरागण किन पौधों में होता है • 3 स्वपरागण और परपरागण में अंतर || difference between self pollination and cross pollination स्वपरागण और परपरागण में अंतर परागण किसे कहते हैं || what is pollination परागकोषों में परागकण बनने के बाद आवश्यक है कि परागकण नर केंद्रक मादा युग्मक अंड तक पहुंचे। पुष्प के परागकोष से परागकणों के उसी पुष्प अथवा दूसरे पौधे के किसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुंचने की क्रिया को परागण कहते हैं। परागण के प्रकार || types of pollination इसके दो प्रकार होते हैं- (1) स्वपरागण (self pollination) (2) परपरागण (cross pollination) परागण और निषेचन में अंतर,पर परागण के लाभ, पर परागण के प्रकार,पर परागण की पर...

स्वपरागण किसे कहते हैं

विभिन्न पौधों में परागण क्रिया के बारे में मनुष्य को अति प्राचीन काल से ही जानकारी प्राप्त है। प्राचीन काल में अरब और एसीरियंस में एक प्रथा प्रचलित थी कि वर्ष में एक निश्चित समय पर विशेष प्रकार का त्यौहार मनाया जाता था। इसमें एक व्यक्ति , खजूर के नर वृक्ष से पुष्पक्रम तोड़कर महन्त अथवा पुजारी को देता था। यह पुजारी इस पुष्पक्रम को खजूर के मादा पुष्पों के पास ले जाकर हिला देता था अथवा इन पुष्पों से छू देता था। इसी क्रिया के कारण खजूर के वृक्ष में फल बनते थे। वहाँ के निवासियों का यह दृढ विश्वास था कि इस प्रकार खजूरों की अच्छी फसल , प्रधान पुजारी द्वारा किये गए पवित्र अनुष्ठान के परिणामस्वरूप प्राप्त होती है परन्तु आज हम इस तथ्य से भली भाँती परिचित है कि उपर्युक्त प्रकरण में सम्पादित पवित्र अनुष्ठान परागण क्रिया ही होती थी। उपर्युक्त तथ्य के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि बीजधारी पौधों के लैंगिक जनन के अंतर्गत संचालित होने वाले अनेक प्रक्रमों में , परागण क्रिया एक महत्वपूर्ण चरण है। विभिन्न पौधों में होने वाली परागण क्रिया को मुख्यतः दो वर्गों में बाँटा जा सकता है – I. स्वपरागण (self pollination) : सामान्यतया स्वपरागण की प्रक्रिया प्रकृति में कम पाई जाती है। इसके अन्तर्गत किसी एक पुष्प के पराग कणों का स्थानान्तरण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर होता है। यहाँ परागण उभयलिंगी पुष्पों अथवा एक ही पौधे पर उपस्थित दो एकलिंगी पुष्पों में भी होता है। इस प्रकार के परागण में किसी प्रकार की बाह्य माध्यम अथवा सहायता की आवश्यकता नहीं होती है। यह दो प्रकार का होता है – 2. सजातपुष्पी परागण (geitonogamy pollination) : जीटोनोगेमी अथवा सजातपुष्पी परागण का शाब्दिक अर्थ है , दो पड़ोसियों के मध्य विवाह। ...

वर्तुल गति किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।

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जीवोम किसे कहते हैं

व्यष्टि (Individuals) किसी भी सजीव तंत्र की आधारभूत इकाइयाँ व्यष्टिगत जीव होते हैं। आनुवंशिक पदार्थ का विनिमय यानी जनन और उससे होने वाला प्रगुणन जीवों के स्तर पर होता है। और इस . प्रकार स्पीशीज का पर्यावरण के प्रति अनुकूलन व्यष्टिगत जीव के स्तर पर होता है। समष्टि (Population) आवास के भीतर किसी पीड़क स्पीशीज की तमाम व्यष्टियों को एक साथ मिलाकर समष्टि कहा जाता है। उदाहरणतः चावल के किसी खेत में चावल के तना छेदक की तमाम व्यष्टियां मिलकर समष्टि कहलाएंगे। इसी प्रकार चावल के खेत में किसी मकड़ी स्पीशीज की। तमाम व्यष्टियां उसकी समष्टि कहलाएंगे। पीड़क स्पीशीज की व्यष्टियों में होने वाली परस्पर प्रतिस्पर्धा अंतः प्रजातीय अंतःस्पीशीजी प्रतिस्पर्धा (intrsapecific competition) कहलाती है। जैविक समुदाय (Biotic community) किसी एक आवास में जीवों की समस्त समष्टियों को एक साथ मिलाकर जैविक समुदाय का नाम दिया जाता है। उदाहरण के लिए, चावल के खेत में अनेक समष्टियां आएंगी- चावल के पौधे की समष्टि, खरपतवारों की समष्टि, सभी पीड़कों जैसे चावल का तना बेधक, भूरा पादप फुदका, स्टिंक बग आदि की समष्टियां, प्राकृतिक शत्रुओं जैसे मकड़ियों, कॉक्सीनेलिडो की समष्टियां, परजीवों एवं रोगजनकों की समष्टियां, और अन्य जीवों की भी समष्टियां। किसी पीड़क स्पीशीज की व्यष्टियां आपस में प्रतिस्पर्धा करती हो सकती हैं (अंतः प्रजातीय प्रतिस्पर्धा) और वे अन्य स्पीशीज की व्यष्टियों से भी प्रतिस्पर्धा करती हैं। भिन्न स्पीशीज की व्यष्टियों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा को अंतर्ग्रजातीय (अंतरास्पीशीज) प्रतिस्पर्धा (interspecific competition) कहते हैं। पारितंत्र (Ecosystem) जैविक समुदाय की अपने पर्यावरण के भौतिक कारकों जैसे ताप, आर्द्रता, ...