पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ

  1. पानीपत का युद्ध (प्रथम, द्वितीय, तृतीय) The Battle of Panipat 1, 2, 3 in Hindi
  2. पानीपत का प्रथम युद्ध
  3. [Solved] पानीपत का प्रथम युद्ध किनके बीच हुआ था?
  4. पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच लड़ा गया था? » Panipat Ka Pratham Yudh Kiske Beech Lada Gaya Tha
  5. Panipat ki ladai
  6. पानीपत का प्रथम युद्ध कब हुआ था


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पानीपत का युद्ध (प्रथम, द्वितीय, तृतीय) The Battle of Panipat 1, 2, 3 in Hindi

Table of Content • • • • • • • पानीपत का युद्ध किसके बीच हुआ था? Between whom did the battle of Panipat take place? इतिहास के अनुसार पानीपत का युद्ध 3 बार लड़ा गया था। इसे भारतीय इतिहास का एक मुख्य भाग माना जाता है- • पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी की सेना के बीच लड़ा गया था। • पानीपत का द्वितीय युद्ध 1556 में • पानीपत का तृतीय युद्ध 1761 में दुरानी साम्राज्य और मराठा साम्राज्य के बीच हुआ था। 1. पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) First Battle of Panipat पानीपत की पहली लड़ाई में मुगलों का उदय हुआ, जिसमे लड़ाई दो बड़ी-शक्तियों, बाबर, तत्कालीन काबुल के शासक और दिल्ली सल्तनत के राजा इब्राहिम लोधी के बीच हुई थी। यह पानीपत (वर्तमान दिन हरियाणा) के पास लड़ा गया था। यद्यपि बाबर के पास 8,000 सैनिकों की लड़ाकू सेना थी और लोदी के पास लगभग 40000 सैनिक के साथ 400 युद्ध 1st पानीपत युद्ध का परिणाम पुरुषों से लड़ने और पराजित करने के अलावा, हाथियों को डराने के लिए तोपें एक शक्तिशाली और उनके बीच तबाही का कारण था। अंत में, यह बाबर की विजयी हुई और उसने मुगल साम्राज्य की स्थापना की, जबकि इब्राहिम लोदी युद्ध में मारे गए। 2. पानीपत का द्विताय युद्ध (1556) Second Battle of Panipat पानीपत की दूसरी लड़ाई में भारत में 1556 में, अकबर ने अपने पिता का सिंहासन सफलतापूर्वक संभाला, उस समय मुगल काबुल, कंधार और दिल्ली और पंजाब के कुछ हिस्सों में फैले थे। हेमू (हेमचन्द्र विक्रमादित्य) उस समय अफगान सुल्तान मोहम्मद आदिल शाह के सेना प्रमुख थे, जो चुनार के शासक थे। आदिल शाह भारत से हुमायूं की मौत का फायदा उठाने से वह बिना किसी कठिनाई के आगरा और दिल्ली के शासन पर कब्जा करने में सफल रहे पर यह लड़ाई का ...

पानीपत का प्रथम युद्ध

इस निर्णायक विजय के पश्चात बाबर ने दिल्ली में अपने नाम का खुतबा पढ़वाया। बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा में लिखा है – उसने केवल 12000 सैनिकों की सहायता से इब्राहिम लोदी को परास्त कर दिया था पानीपत युद्ध के क्या कारण थे बाबर बहुत ही महत्वकांक्षी था बाबर में तुर्क और मंगोलों की शक्ति और फारस वालों का नेतृत्व और साहस का मेल था। Babar दिल्ली पर अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहता था और इब्राहिम लोदी उसके इस रास्ते में बाधा बनकर खड़ा था। बाबर ने एक बार खुद कहा था – “काबुल की विजय 1504 से लेकर पानीपत में अपनी जीत तक मैंने हिंदुस्तान को जीतने के बारे में सोचना कभी नहीं छोड़ा”। भारत एक संपन्न देश था बाबर भारत के आर्थिक उन्नति से प्रभाविता था भारत के पंजाब पर हमला करने से पहले बाबर का शासन बंदखसा, कंधार और काबुल पर था। काबुल पर कब्जा करने के बाद बाबर को वहां से मामूली आय होती थी भारत की बेपनाह दौलत और अपने बेगो को एक अच्छी जिंदगी देने की उसकी चाहत ने उसे भारत की और आकर्षित किया। भारत के कुछ राजाओं ने बाबर को निमंत्रण भेजा था कि वह दिल्ली पर आक्रमण करें यह भी पढ़े – पानीपत का प्रथम युद्ध बाबर ने 12000 लोगों के साथ सिंधु नदी को पार किया था लेकिन भारत में स्थित उसकी सेना के कारण और पंजाब में बाबर से हाथ मिलाने वाले हिंदुस्तानी अमीरों और सैनिकों की बड़ी संख्या के कारण उसकी कतार बढ़ गई। इब्राहिम लोदी के पास 100000 सैनिक और 1000 हाथी थे, भारतीय सेनाओं में आमतौर पर नौकर चाकर के बड़े-बड़े झंडू होते थे इसलिए लड़ने वाली सेना की संख्या कम रही होगी लेकिन फिर भी बाबर की सेना से इब्राहिम लोदी की सेना की संख्या बहुत ज्यादा थी। पानीपत का प्रथम युद्ध बाबर ने युद्ध में रणनीति के तौर पर उस्मानी तरीका अप...

[Solved] पानीपत का प्रथम युद्ध किनके बीच हुआ था?

सही उत्तर बाबर एवं इब्राहिम लोदीहै । Key Points • पानीपत का प्रथम युद्ध- • पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 में बाबर एवं इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। • 1526 में, काबुलिस्तान के तैमूर शासक बाबर की मुगल सेना ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की काफी बड़ी शासक सेना को पराजित किया। • पानीपत एक पौराणिक स्थान था जहाँ 1526 के बाद, मुगलों और अलग-अलग अन्य ताकतों के बीच कई युद्ध हुए थे। • उसे पंजाब के गवर्नर दौलत खान द्वारा इस क्षेत्र पर आक्रमण करने और इब्राहिम लोदी को शासन से हटानेके लिए आमंत्रित किया गया था। • लोदी की सेना घुड़सवारोंऔर विशेष रूप से हाथियों पर बहुत अधिक निर्भर थी, जो पहले के समय में दुश्मन को झटका दे सकती थी और उन्हें नष्ट कर सकती थी। • इस युद्ध ने भारत में मुगल वंश की नींव रखी। Additional Information • पानीपत का द्वितीय युद्ध- यह 5 नवंबर, 1556 को हेमू विक्रमादित्य एवं अकबर के बीच लड़ा गया था। • पानीपत का तृतीय युद्ध- यह 14 जनवरी 1761 को मराठों एवं अहमद शाह दुर्रानी के बीच लड़ा गया था।

पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच लड़ा गया था? » Panipat Ka Pratham Yudh Kiske Beech Lada Gaya Tha

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 इसी में लड़ा गया था यह युद्ध बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य लड़ा गया था इसी युद्ध के बाद बाबर ने भारत में मुगल वंश की नींव रखी इब्राहिम लोदी इस युद्ध में लड़ते हुए मारा गया यह सल्तनत कालीन लोदी वंश का अंतिम शासक था इब्राहिम लोदी को किस युद्ध में हार गया और बाबर ने भारत पर मुगल सत्ता स्थापित की panipat ka pratham yudh 1526 isi me lada gaya tha yah yudh babar aur ibrahim lodi ke madhya lada gaya tha isi yudh ke baad babar ne bharat me mughal vansh ki neev rakhi ibrahim lodi is yudh me ladte hue mara gaya yah sultanate kaleen lodi vansh ka antim shasak tha ibrahim lodi ko kis yudh me haar gaya aur babar ne bharat par mughal satta sthapit ki पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 इसी में लड़ा गया था यह युद्ध बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य लड़ा

Panipat ki ladai

- Advertisement - भारत में इतिहास में अनेकों युद्ध हुए हैं, परंतु Panipat ka Yudh इतिहास में हुए युद्धों में एक विशेष स्थान रखता है। Panipat में 3 बार panipat ki ladai हुई हैं, जो panipat ka pratham yuddh, Panipat ki dusri ladai और panipat ki teesri ladai हैं। पानीपत का युद्ध – Panipat ki Ladai kab hui thi Panipat ki Ladai ने ही भारत में मुगलों की नींव रखी थी। Panipat ki Ladai नहीं हुई होती तो आज भारत में अकबर जैसे शासक का नाम सुनने को मिलता, और ना भारत में लाल किला होता और ना ही ताजमहल। पानीपत की लड़ाई शुरू होने से पहले एक तरफ भारत में इब्राहीम लोदी दिल्ली की गद्दी पर आसीन था। और दूसरी तरफ जहिरुद्दीन मोहम्मद बाबर जिसने काबुल को फ़तह किया था। भारत में इब्राहीम लोदी का भाई सिकंदर लोदी जो की बहुत महत्वकांक्षी के दिल्ली की गद्दी पर बैठना चाहता था, उसने अपने कुछ राजपूत सहयोगी मित्रों के साथ मिलकर इब्राहीम लोदी के विरूद्ध जंग छेड़ दी। इस वजह से इब्राहीम लोदी अपने भाई सिकंदर लोदी पर क्रोधित हुआ और उसको हरा दिया, जिसके बाद सिकंदर लोदी दिल्ली से भाग गया। बाबर जो की महज 13 वर्ष की आयु में उसके पिता के मरने के बाद फरगना जो की उज्बेकिस्तान में है का शासक बना। लेकिन उसके बाद भी बाबर को फरगना पर क़ब्ज़ा करने के लिए कई लड़ाइयाँ लड़नी पड़ी, क्योंकि उसके पिता के भाइयों को भी फरगना पर क़ब्ज़ा करना था जिसके लिए वो बार बार बाबर के साथ जंग छेड़ देते थे। - Advertisement - आखिरकार 1504 में बाबर काबुल पर क़ब्ज़ा करने में सफल हो गया। लेकिन काबुल पर क़ब्ज़ा करके वो संतुष्ट नहीं था। 1523 में इब्राहीम लोदी के भाई सिकंदर लोदी ने बाबर को भारत आने का न्योता दिया जिससे बाबर की नजर भारत पर पड़ी और उसकी महत्वाक...

पानीपत का प्रथम युद्ध कब हुआ था

पानीपत का पहला युद्ध 21 अप्रैल 1526 को हुआ था। हरियाणा राज्य में स्थित पानीपत जो आज एक जिले के रूप में जाना जाता है इतिहास के तीन अहम युद्धों का साक्षी है। इन तीनों युद्धों ने सम्पूर्ण भारत का इतिहास बदल कर रख दिया था। इनमें से प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 को बाबर तथा दिल्ली सल्तनत पर लगभग 70 वर्षों से काबिज़ इब्राहिम लोधी के बीच हुआ था। हालाँकि इस युद्ध में इब्राहिम लोधी की विजय लगभग तय थी क्योंकि उसके पास बाबर से चार गुना अधिक सेना थी जहाँ बाबर 15 हज़ार की सेना लेकर दिल्ली फतह करने चला था वहीं दिल्ली सल्तनत के नवाब इब्राहिम लोधी अपनी 1 लाख की सेना के साथ पहाड़ बनकर खड़ा था। परन्तु पानीपत की धरती पर लड़े गए इस युद्ध के परिणाम बिल्कुल उलट रहे। बाबर ने युद्ध मे 24 तोपों का प्रयोग किया। तोपों के प्रयोग से हर भारतीय राजा अनजान था तथा भारत में ये पहला युद्ध था जिसमें तोपों का इस्तेमाल हुआ। बाबर ने अपनी युद्ध कुशलता का प्रयोग करते हुए सबसे पहले तोपों का प्रयोग किया। इब्राहिम लोधी जो कि हाथियों के साथ युद्ध विजयी करने आया था को उन्ही हाथियों ने भयंकर नुकसान पहुँचाया क्योंकि हाथी तोपों से उठने वाली धमाके की आवाज़ के आदि न थे इस कारण जब बाबर के तोपों ने धमाकों के साथ आग बरसानी शुरू की तो लोधी की सेना में भगदड़ मच गई। हाथी डर कर अपनी ही सेना को कुचलते हुए उल्टी दिशा में भागने लगे। इससे पहले की लोधी संभल पाता बाबर की सेनाओं ने तीन ओर वार करना आरंभ कर दिया। इस प्रकार हर तरफ से वार की पीड़ा झेल रही लोधी का सेना के हौंसले पस्त हो गए। सैनिक डर कर मैदान छोड़कर भागने लगे। अंत में जब भगदड़ थोड़ी हल्की हुई तो इब्राहिम लोधी को मरा हुआ पाया गया। लोधी की मौत की खबर फैलते ही बाबर की जीत का डंका बजा तथा लोधी...