इसकी रास्ता नागमणि

  1. नागमणि का रहस्य क्या है,नागमणि मिलने पर होते हैं अविश्वसनीय फायदे
  2. एक अनसुलझी पहेली है नागमणि,सनातन पुराणों में मिलता है जिक्र – NN Express
  3. रहस्यमयी 10 मणियां, जानिए कौन
  4. NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core
  5. भारत का भूगोल
  6. रहस्यमयी 10 मणियां, जानिए कौन
  7. NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core
  8. नागमणि का रहस्य क्या है,नागमणि मिलने पर होते हैं अविश्वसनीय फायदे
  9. खुल गया नागमणि का रहस्य नागमणि सच मे होती है real nagamani proof in hindi
  10. भारत का भूगोल


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नागमणि का रहस्य क्या है,नागमणि मिलने पर होते हैं अविश्वसनीय फायदे

नागमणि के निर्माण के लिए दो तरह के शिला होते हैं। पहला होता है “हावर्डिट” और दूसरा “अश्वतर”. नागमणि का निर्माण शिलाओं में जब होता है तब उनकी आकृति नाग की तरह होती है। यह शिला अधिकतर भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। नागमणि के बनने का एक और तरीका होता है, जो ज्यादातर ओषधि विज्ञान में प्रयोग होता है। इस तरीके के अनुसार, नागमणि को सीधे नाग के डंठल से उत्पन्न किया जाता है। इन दो तरीकों से नागमणि का निर्माण होता है। इस रत्न का जीवनकाल लगभग १५० से २०० वर्ष होता है। यह रत्न अपनी अनोखी चमक और उत्कृष्ट गुणों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इसलिए, नागमणि एक ऐसा रत्न है जो अपनी अनोखी चमक और उत्कृष्ट गुणों के लिए जाना जाता है। इस रत्न का निर्माण शिलाओं में होता है और इसे उत्पादित करने के लिए दो तरह के शिला होते हैं। यह रत्न अपनी खूबसूरती और उत्कृष्ट गुणों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। Nagmani Ka Rahasya Kya Hai नागमणि की असली सच्चाई नागमणि एक ऐसा रत्न है जो भारतीय उपमहाद्वीप में अधिकतर पाया जाता है। यह रत्न दो तरीकों से बनाया जा सकता है – एक सांप के आकार में लेकर और दूसरा सांप के दांतों से निकालकर। इस रत्न का जीवनकाल 150-200 वर्ष होता है और इसकी अनूठी चमक और उत्कृष्ट गुणों के लिए यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है। नागमणि के नाम से ही पता चलता है कि इसका रहस्य सांपों से जुड़ा हुआ है। सांपों के बारे में जो जानकारी हमारे पौराणिक ग्रंथों में है, उसमें सांपों की पूजा और उनके आशीर्वाद के बारे में बताया गया है। इसलिए नागमणि को भी सांपों के आशीर्वाद से प्राप्त माना जाता है। नागमणि के सभी रहस्यों के बारें में विस्तार से जानकारी नागमणि के अलावा भी कई रत्न होते हैं जो सांपों से जुड़े हुए होते हैं। ...

एक अनसुलझी पहेली है नागमणि,सनातन पुराणों में मिलता है जिक्र – NN Express

नागमणि से जुड़ी कहानियां और कथाएं हम सभी ने अपने बड़ों से सुनी है और आज के समय में हम इसे केवल एक कल्पना ही मानते है लेकिन धार्मिक ग्रंथों और पुराणों चमत्कारिक मणियों का जिक्र किया गया है रामायण और महाभारत जैसी धार्मिक कथाओं में सर्प के सिर पर शक्तिशाली और चमत्कारी मणि होने का उल्लेख मिलता है, लेकिन अधिकतर लोगों ने केवल इसके बारे में सुना है मगर इसकी अधिक जानकारी किसी के पास मौजूद नहीं है तो आज हम अपने इस लेख में नागमणि के अनसुलझे रहस्य पर चर्चा कर रहे है तो आइए जानते हैं। मणि एक ऐसा चमकता हुआ पत्थर है जिसकी चमक इतनी तीव्र होती है कि इसके आगे टूटते तारे और हीरे की चमक भी ​फीकी पड़ जाती है ऐसा माना गया है कि यह मणि जिसके पास होती है उसकी किस्मत चमक जाती है और वह इस दुनिया का सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली मनुष्य हो जाता है। नागमणि एक ऐसा अनसुलझा रहस्य माना गया है जो आज तक सुलझ नहीं पाया है वृहत्ससंहिता ग्रंथ के अनुसार इस सृष्टि में मणिधरी नाग आज भी मौजूद है मगर इनके दर्शन बेहद दुर्लभ माने गए है। शास्त्रों में वर्णित है कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां विद्यमान होती है I जिसके पास यह मणि होती है,वह बहुत ही शक्तिशाली, ध्नी और बलवाल होता है वृहत्ससंहिता ग्रंथ में उल्लेख मिलता है कि नागमणि नाग के सिर पर होती है जिसके पास यह मणि होती है उसके पास विभिन्न तरह की अलौकिक शक्तियां होती है वही धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी इसका उल्लेख मिलता है कि रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि प्राप्त की थी जिसके बल पर वह शक्तिशाली और विद्वान हो गया था। सर्पमणि का उल्लेख महाभारत ग्रंथ में भी मिलता है जिसमें अश्वस्थामा के पास एक मणि थी धार्मिक ग्रंथों में देवताओं के पास भी एक मणि होने का वर्णन मिलता है...

रहस्यमयी 10 मणियां, जानिए कौन

वेद, रामायण, महाभारत और पुराणों में कई तरह की चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं में सर्प के सिर पर मणि के होने का उल्लेख मिलता है। पाताल लोक मणियों की आभा से हर समय प्रकाशित रहता है। सभी तरह की मणियों पर सर्पराज वासुकि का अधिकार है। मणि एक प्रकार का चमकता हुआ पत्थर होता है। मणि को हीरे की श्रेणी में रखा जा सकता है। मणि होती थी यह भी अपने आप में एक रहस्य है। जिसके भी पास मणि होती थी वह कुछ भी कर सकता था। ज्ञात हो कि अश्वत्थामा के पास मणि थी जिसके बल पर वह शक्तिशाली और अमर हो गया था। रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि छीन ली थी। मान्यता है कि मणियां कई प्रकार की होती थीं। अगले पन्नों पर हम बताएंगे कि कौन-कौन-सी मणियां होती हैं। मणियों के महत्व के कारण ही तो भारत के एक राज्य का नाम मणिपुर है। शरीर में स्थित 7चक्रों में से एक मणिपुर चक्र भी होता है। मणि से संबंधित कई कहानी और कथाएं समाज में प्रचलित हैं। इसके अलावा पौराणिक ग्रंथों में भी ‍मणि के किस्से भरे पड़े हैं। मणियों को सामान्य हीरे से कहीं ज्यादा मूल्यवान माना जाता है। जैनियों में मणिभद्र नाम से एक महापुरुष हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि चिंतामणि को स्वयं ब्रह्माजी धारण करते हैं। रुद्रमणि को भगवान शंकर धारण करते हैं। कौस्तुभ मणि को भगवान विष्णु धारण करते हैं। इसी तरह और भी कई मणियां हैं जिनके चमत्कारों का उल्लेख पुराणों में है। आओ जानते हैं प्रमुख 10 मणियों के बारे में। अगले पन्ने पर जानिए पहली रहस्यमयी मणि... पारस मणि : पारस मणि का जिक्र पौराणिक और लोक कथाओं में खूब मिलता है। इसके हजारों किस्से और कहानियां समाज में प्रचलित हैं। कई लोग यह दावा भी करते हैं कि हमने पारस मणि देखी है। मध्यप्रदेश के पन्ना जिल...

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core

Contents • 1 NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core – काव्य भाग – कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप • 1.1 कवि परिचय • 1.2 कविताओं का प्रतिपादय एवं सार • 1.2.1 (क) कवितावली (उत्तरकांड से) • 1.2.2 (ख) लक्ष्मण-मूच्छा और राम का विलाप • 1.3 व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न • 1.3.1 (क) कवितावली • 1.4 (ख) लक्ष्मण-मूच्छी और राम का विलाप दोहा • 1.5 काव्य-सौंदर्य बोध संबंधी प्रश्न • 1.5.1 (क) कवितावली • 1.5.2 (ख) लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप • 1.6 पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न • 1.7 अन्य हल प्रश्न • 1.8 स्वयं करें NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core – काव्य भाग – कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप कवि परिचय जीवन परिचय- गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बाँदा जिले के राजापुर गाँव में सन 1532 में हुआ था। कुछ लोग इनका जन्म-स्थान सोरों मानते हैं। इनका बचपन कष्ट में बीता। बचपन में ही इन्हें माता-पिता का वियोग सहना पड़ा। गुरु नरहरिदास की कृपा से इनको रामभक्ति का मार्ग मिला। इनका विवाह रत्नावली नामक युवती से हुआ। कहते हैं कि रत्नावली की फटकार से ही वे वैरागी बनकर रामभक्ति में लीन हो गए थे। विरक्त होकर ये काशी, चित्रकूट, अयोध्या आदि तीर्थों पर भ्रमण करते रहे। इनका निधन काशी में सन 1623 में हुआ। रचनाएँ- गोस्वामी तुलसीदास की रचनाएँ निम्नलिखित हैं- रामचरितमानस, कवितावली, रामलला नहछु, गीतावली, दोहावली, विनयपत्रिका, रामाज्ञा-प्रश्न, कृष्ण गीतावली, पार्वती–मंगल, जानकी-मंगल, हनुमान बाहुक, वैराग्य संदीपनी। इनमें से ‘रामचरितमानस’ एक महाकाव्य है। ‘कवितावली’ में रामकथा कवित्त व सवैया छंदों में रचित है। ‘विनयपत्रिका’ में स्तुति के गेय पद हैं। काव्यगत विशेषताएँ- ...

भारत का भूगोल

भारत महाद्वीप एशिया अञ्चल दक्षिण एशिया भारतीय उपमहाद्वीप स्थिति 21°N 78°E / 21°N 78°E / 21; 78 क्षेत्रफल 32,87,263km² (12,69,219.3sqmi) 90.44% स्थलभाग 9.56% जलभाग सीमान्त 15,200कि॰मी॰ (9,400मील) 106कि॰मी॰ (66मील) 4,096.70कि॰मी॰ (2,545.57मील) 4,096.70कि॰मी॰ (2,545.57मील) 3,488कि॰मी॰ (2,167मील) 3,323कि॰मी॰ (2,065मील) 1,751कि॰मी॰ (1,088मील) 1,643कि॰मी॰ (1,021मील) 699कि॰मी॰ (434मील) सर्वोच्च बिन्दु 8,611मी॰ (28,251.3फीट) सर्वनिम्न बिन्दु −2.2मी॰ (−7.2फीट) सबसे लम्बी नदी [ सबसे बड़ी झील भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के अनुक्रम • 1 अवस्थिति एवं विस्तार • 2 प्रशासनिक इकाइयाँ • 3 भूगर्भशास्त्रीय पहलू • 4 भारत के भौतिक प्रदेश • 4.1 हिमालय का पर्वतीय भाग • 4.2 सिन्धु-गंगा मैदान • 4.3 प्रायद्वीपीय पठारी भाग • 4.4 समुद्रतटीय मैदान • 4.5 द्वीपीय भाग • 5 जलवायु • 5.1 ऋतुएँ • 6 जल संसाधन • 6.1 जल उपलब्धता • 6.2 जल संकट • 7 प्रमुख नगर • 8 इन्हें भी देंखे • 9 सन्दर्भ अवस्थिति एवं विस्तार [ ] भारत की निरपेक्ष अवस्थिति 8° 4' उ. से 37° 6' उ. अक्षांश तक और 68° 7' पू. से 97° 25' पू. देशान्तर के मध्य है। इसकी उत्तर से दक्षिण लम्बाई 3214 किमी और पूर्व से पश्चिम चौड़ाई 2933 किमी है। इसकी स्थलीय सीमा की लम्बाई 15200 किमी तथा समुद्र तट की लम्बाई 7517 किमी है। कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी है। मुख्य लेख: वर्तमान में भारत 28 राज्यों तथा 8 केन्द्रशासित प्रदेशों में बँटा हुआ है। राज्यों की चुनी हुई स्वतंत्र सरकारें हैं, जबकि केन्द्रशासित प्रदेशों पर केन्द्र द्वारा नियुक्त प्रबंधन शासन करता है, हालाँकि पॉण्डिचेरी और दिल्ली की लोकतांत्रिक सरक...

रहस्यमयी 10 मणियां, जानिए कौन

वेद, रामायण, महाभारत और पुराणों में कई तरह की चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं में सर्प के सिर पर मणि के होने का उल्लेख मिलता है। पाताल लोक मणियों की आभा से हर समय प्रकाशित रहता है। सभी तरह की मणियों पर सर्पराज वासुकि का अधिकार है। मणि एक प्रकार का चमकता हुआ पत्थर होता है। मणि को हीरे की श्रेणी में रखा जा सकता है। मणि होती थी यह भी अपने आप में एक रहस्य है। जिसके भी पास मणि होती थी वह कुछ भी कर सकता था। ज्ञात हो कि अश्वत्थामा के पास मणि थी जिसके बल पर वह शक्तिशाली और अमर हो गया था। रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि छीन ली थी। मान्यता है कि मणियां कई प्रकार की होती थीं। अगले पन्नों पर हम बताएंगे कि कौन-कौन-सी मणियां होती हैं। मणियों के महत्व के कारण ही तो भारत के एक राज्य का नाम मणिपुर है। शरीर में स्थित 7चक्रों में से एक मणिपुर चक्र भी होता है। मणि से संबंधित कई कहानी और कथाएं समाज में प्रचलित हैं। इसके अलावा पौराणिक ग्रंथों में भी ‍मणि के किस्से भरे पड़े हैं। मणियों को सामान्य हीरे से कहीं ज्यादा मूल्यवान माना जाता है। जैनियों में मणिभद्र नाम से एक महापुरुष हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि चिंतामणि को स्वयं ब्रह्माजी धारण करते हैं। रुद्रमणि को भगवान शंकर धारण करते हैं। कौस्तुभ मणि को भगवान विष्णु धारण करते हैं। इसी तरह और भी कई मणियां हैं जिनके चमत्कारों का उल्लेख पुराणों में है। आओ जानते हैं प्रमुख 10 मणियों के बारे में। अगले पन्ने पर जानिए पहली रहस्यमयी मणि... पारस मणि : पारस मणि का जिक्र पौराणिक और लोक कथाओं में खूब मिलता है। इसके हजारों किस्से और कहानियां समाज में प्रचलित हैं। कई लोग यह दावा भी करते हैं कि हमने पारस मणि देखी है। मध्यप्रदेश के पन्ना जिल...

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core

Contents • 1 NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core – काव्य भाग – कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप • 1.1 कवि परिचय • 1.2 कविताओं का प्रतिपादय एवं सार • 1.2.1 (क) कवितावली (उत्तरकांड से) • 1.2.2 (ख) लक्ष्मण-मूच्छा और राम का विलाप • 1.3 व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न • 1.3.1 (क) कवितावली • 1.4 (ख) लक्ष्मण-मूच्छी और राम का विलाप दोहा • 1.5 काव्य-सौंदर्य बोध संबंधी प्रश्न • 1.5.1 (क) कवितावली • 1.5.2 (ख) लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप • 1.6 पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न • 1.7 अन्य हल प्रश्न • 1.8 स्वयं करें NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core – काव्य भाग – कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप कवि परिचय जीवन परिचय- गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बाँदा जिले के राजापुर गाँव में सन 1532 में हुआ था। कुछ लोग इनका जन्म-स्थान सोरों मानते हैं। इनका बचपन कष्ट में बीता। बचपन में ही इन्हें माता-पिता का वियोग सहना पड़ा। गुरु नरहरिदास की कृपा से इनको रामभक्ति का मार्ग मिला। इनका विवाह रत्नावली नामक युवती से हुआ। कहते हैं कि रत्नावली की फटकार से ही वे वैरागी बनकर रामभक्ति में लीन हो गए थे। विरक्त होकर ये काशी, चित्रकूट, अयोध्या आदि तीर्थों पर भ्रमण करते रहे। इनका निधन काशी में सन 1623 में हुआ। रचनाएँ- गोस्वामी तुलसीदास की रचनाएँ निम्नलिखित हैं- रामचरितमानस, कवितावली, रामलला नहछु, गीतावली, दोहावली, विनयपत्रिका, रामाज्ञा-प्रश्न, कृष्ण गीतावली, पार्वती–मंगल, जानकी-मंगल, हनुमान बाहुक, वैराग्य संदीपनी। इनमें से ‘रामचरितमानस’ एक महाकाव्य है। ‘कवितावली’ में रामकथा कवित्त व सवैया छंदों में रचित है। ‘विनयपत्रिका’ में स्तुति के गेय पद हैं। काव्यगत विशेषताएँ- ...

नागमणि का रहस्य क्या है,नागमणि मिलने पर होते हैं अविश्वसनीय फायदे

नागमणि के निर्माण के लिए दो तरह के शिला होते हैं। पहला होता है “हावर्डिट” और दूसरा “अश्वतर”. नागमणि का निर्माण शिलाओं में जब होता है तब उनकी आकृति नाग की तरह होती है। यह शिला अधिकतर भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। नागमणि के बनने का एक और तरीका होता है, जो ज्यादातर ओषधि विज्ञान में प्रयोग होता है। इस तरीके के अनुसार, नागमणि को सीधे नाग के डंठल से उत्पन्न किया जाता है। इन दो तरीकों से नागमणि का निर्माण होता है। इस रत्न का जीवनकाल लगभग १५० से २०० वर्ष होता है। यह रत्न अपनी अनोखी चमक और उत्कृष्ट गुणों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इसलिए, नागमणि एक ऐसा रत्न है जो अपनी अनोखी चमक और उत्कृष्ट गुणों के लिए जाना जाता है। इस रत्न का निर्माण शिलाओं में होता है और इसे उत्पादित करने के लिए दो तरह के शिला होते हैं। यह रत्न अपनी खूबसूरती और उत्कृष्ट गुणों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। Nagmani Ka Rahasya Kya Hai नागमणि की असली सच्चाई नागमणि एक ऐसा रत्न है जो भारतीय उपमहाद्वीप में अधिकतर पाया जाता है। यह रत्न दो तरीकों से बनाया जा सकता है – एक सांप के आकार में लेकर और दूसरा सांप के दांतों से निकालकर। इस रत्न का जीवनकाल 150-200 वर्ष होता है और इसकी अनूठी चमक और उत्कृष्ट गुणों के लिए यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है। नागमणि के नाम से ही पता चलता है कि इसका रहस्य सांपों से जुड़ा हुआ है। सांपों के बारे में जो जानकारी हमारे पौराणिक ग्रंथों में है, उसमें सांपों की पूजा और उनके आशीर्वाद के बारे में बताया गया है। इसलिए नागमणि को भी सांपों के आशीर्वाद से प्राप्त माना जाता है। नागमणि के सभी रहस्यों के बारें में विस्तार से जानकारी नागमणि के अलावा भी कई रत्न होते हैं जो सांपों से जुड़े हुए होते हैं। ...

खुल गया नागमणि का रहस्य नागमणि सच मे होती है real nagamani proof in hindi

नागमणि का इतिहास,नागमणि की कहानी, नागमणि का सच दोस्तों एक रिसर्च ने नागमणि के रहस्य को पूरा खोल कर रख दिया है। नागमणि के बारे मे हम बहुत बार सोचते हैं कि क्या नागमणि real के अंदर होती है? इस लेख के अंदर हम आपको नागमणि का सच बताने जा रहे हैं। उसके ‌‌‌इतिहास के साथ । दोस्तों कुछ वैज्ञानिकों ‌‌‌ने माना है कि सच मे नागमणि होती है। और एक कीमती पत्थर होता है। अन्य कीमती stone की तरह ही । इसके कई उपयोग किये जा सकते हैं। और इसका काफी ज्योतिषिय महत्व भी है। ‌‌‌नागमणि के बारे मे हम अपने बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। अनेक कथाओं के अंदर नागमणि का उल्लेख मिलता है। लेकिन बहुत से लोग अभी भी इसको सत्य नहीं मानते हैं।लेकिन ‌‌‌बुजुर्ग लोग नागमणि को सत्य मानते हैं उनका दावा है कि सच मे ही नागमणि होती है। ‌‌‌और कुछ ऑनलाइन वेबसाइट भी हैं जो रियल नागमणि को सैल करती हैं। और इस बात का दावा करती हैं कि उनके पास रियल नागमणि है। इसकी price भी वे बहुत ज्यादा 1000 करोड़ तक लेते हैं। • नागमणि क्या होती है • नागमणि का इतिहास • असली नागमणि की पहचान कैसे होती है? nagamani test • ‌‌‌सांप काटने पर काम आती है नागमणि • ‌‌‌नागमणि मिलने की रियल घटना • ‌‌‌ ‌‌‌नागमणि का रहस्य कोबरा पर्ल और snake स्टोन क्या है वैज्ञानिक रिसर्च से पता चला है कि नागराज के हुड के अंदर एक दुर्लभ तत्व पाया जाता है। जिसको नागमणि कहा जाता था । यह सांप 150 से 400 साल तक जीता है। और काले व सफेद रंग के अंदर पाया जाता है। यह लम्बाई के अंदर छोटा होता है लेकिन अपना आकार बदल सकता है। ‌‌‌एक आम धारण के अनुसार जब स्वाति नक्षत्र के अंदर बारिस की बूंदों से नाग मणि बनाई जाती है। सांप की उम्र के साथ इसका आकार बढ़ता जाता है। यह चमकदार होती है। और अंधेरे ...

भारत का भूगोल

भारत महाद्वीप एशिया अञ्चल दक्षिण एशिया भारतीय उपमहाद्वीप स्थिति 21°N 78°E / 21°N 78°E / 21; 78 क्षेत्रफल 32,87,263km² (12,69,219.3sqmi) 90.44% स्थलभाग 9.56% जलभाग सीमान्त 15,200कि॰मी॰ (9,400मील) 106कि॰मी॰ (66मील) 4,096.70कि॰मी॰ (2,545.57मील) 4,096.70कि॰मी॰ (2,545.57मील) 3,488कि॰मी॰ (2,167मील) 3,323कि॰मी॰ (2,065मील) 1,751कि॰मी॰ (1,088मील) 1,643कि॰मी॰ (1,021मील) 699कि॰मी॰ (434मील) सर्वोच्च बिन्दु 8,611मी॰ (28,251.3फीट) सर्वनिम्न बिन्दु −2.2मी॰ (−7.2फीट) सबसे लम्बी नदी [ सबसे बड़ी झील भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के अनुक्रम • 1 अवस्थिति एवं विस्तार • 2 प्रशासनिक इकाइयाँ • 3 भूगर्भशास्त्रीय पहलू • 4 भारत के भौतिक प्रदेश • 4.1 हिमालय का पर्वतीय भाग • 4.2 सिन्धु-गंगा मैदान • 4.3 प्रायद्वीपीय पठारी भाग • 4.4 समुद्रतटीय मैदान • 4.5 द्वीपीय भाग • 5 जलवायु • 5.1 ऋतुएँ • 6 जल संसाधन • 6.1 जल उपलब्धता • 6.2 जल संकट • 7 प्रमुख नगर • 8 इन्हें भी देंखे • 9 सन्दर्भ अवस्थिति एवं विस्तार [ ] भारत की निरपेक्ष अवस्थिति 8° 4' उ. से 37° 6' उ. अक्षांश तक और 68° 7' पू. से 97° 25' पू. देशान्तर के मध्य है। इसकी उत्तर से दक्षिण लम्बाई 3214 किमी और पूर्व से पश्चिम चौड़ाई 2933 किमी है। इसकी स्थलीय सीमा की लम्बाई 15200 किमी तथा समुद्र तट की लम्बाई 7517 किमी है। कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी है। मुख्य लेख: वर्तमान में भारत 28 राज्यों तथा 8 केन्द्रशासित प्रदेशों में बँटा हुआ है। राज्यों की चुनी हुई स्वतंत्र सरकारें हैं, जबकि केन्द्रशासित प्रदेशों पर केन्द्र द्वारा नियुक्त प्रबंधन शासन करता है, हालाँकि पॉण्डिचेरी और दिल्ली की लोकतांत्रिक सरक...