Gatij urja kise kahate hain

  1. स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं? Sthitij Urja Kise Kahate Hain?
  2. गतिज ऊर्जा की मात्रक क्या है?
  3. धातु किसे कहते हैं? धातु के परिभाषा, प्रकार, गुण एवं उपयोग
  4. ऊर्जा संरक्षण का नियम किसे कहते हैं? Urja Sanrakshan Ka Niyam Kise Kahate Hain?
  5. ऊर्जा किसे कहते हैं? » Urja Kise Kehte Hain
  6. यांत्रिक ऊर्जा के उदाहरण


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स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं? Sthitij Urja Kise Kahate Hain?

स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) : जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (State) या स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता (Ability to Work) आ जाती है, तो उसे स्थितिज ऊर्जा ( Sthitij Urja) कहते हैं। जैसे— बांध बनाकर इकट्ठा किए गए पानी की ऊर्जा, घड़ी की चाभीमें संचित ऊर्जा, तनी हुई स्प्रिंग या कमानी की ऊर्जा। by Pranav Kumar

गतिज ऊर्जा की मात्रक क्या है?

इस लेख में हम गतिज ऊर्जा (kinetic energy) के बारे में जानेंगे। यहां पर गतिज ऊर्जा से संबंधित विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण टॉपिक और प्रश्न को दिया गया है। जैसे :- गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं ?(Gatij urja kise kahate hain), गतिज ऊर्जा की परिभाषा, गतिज ऊर्जा क्या है, गतिज ऊर्जा का सूत्र (फॉर्मूला), विमा, उदाहरण , पीडीएफ नोट्स इत्यादि का इस लेख में समावेश किया गया है। तो चलिए जानते है गतिज ऊर्जा क्या है (what is kinetic energy in hindi) विषयसूची Show • • • • • • • • • • गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं? क्या है। • गतिज ऊर्जा का सूत्र (Formula of Kinetic energy in hindi) • कार्य गतिज ऊर्जा प्रमेय (work energy theorem) • गतिज ऊर्जा संरक्षण नियम :- • महत्वपूर्ण उदाहरण (Example of kinetic energy in hindi) गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं? क्या है। गतिज ऊर्जा से तात्पर्य है कि किसी वस्तु या कण में गति के कारण जो ऊर्जा होती है उसे गतिज ऊर्जा कहते है। जैसे एक गति करता हुआ साइकिल का पहिया ही ले लीजिए उसमे भी गतिज ऊर्जा होती है। इस गतिज ऊर्जा को ‘K’ द्वारा दर्शाया जाता है। गतिज ऊर्जा की परिभाषा :- किसी वस्तु की वह ऊर्जा जो उसकी गति के कारण से होती है गतिज ऊर्जा कहलाती है। बंदूक से निकली हुई गोली में, चलती हुई रेलगाड़ी में तथा घूमते हुवे लट्टू में गतिज ऊर्जा ही होती है। गतिज ऊर्जा सदैव धनात्मक एवं अदिश राशि होती है। • किसी गतिमान वस्तु को रोकने में या विराम अवस्था से वस्तु को वर्तमान वेग प्रदान करने में किए गए कार्य की मात्रा द्वारा वस्तु की गतिज ऊर्जा की गणना की जा सकती है। गतिज ऊर्जा का सूत्र (Formula of Kinetic energy in hindi) गतिज ऊर्जा का सूत्र क्या है:- K = 1/2 mv2 गतिज ऊर्जा का मात्रक :- सामान्यता...

धातु किसे कहते हैं? धातु के परिभाषा, प्रकार, गुण एवं उपयोग

नमस्कार दोस्तों आज के विषय में हम धातु के बारे में पढ़ने वाले है। हम धातु से बनी हुई बहुत सारी चीजों का प्रयोग किसी ना किसी रूप में, अपने रोजमर्रा की लाइफ में करते हैं। रसायनिक विज्ञान में धातु सबसे महत्वपूर्ण चीज है। अगर धातु की खोज नहीं हुई होती तो शायद रासायनिक विज्ञान ही अस्तित्व मे ना होता। आज हम जानेंगे की धातु किसे कहते हैं, धातु कितने प्रकार के होते हैं, और इसके गुणों पर भी चर्चा करेंगे। तो चलिए आज का हमारा लेख शुरू करते हैं – धातु किसे कहते हैं ? | Dhatu Kise kahate Hain धातु वह तत्व होता है जो चमकदार होता है, जिनमें आघातवर्धनीय गुण होता है और tensile property अधिक होती है। धातु ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होता है और ठोस अवस्था में पाए जाते हैं। आवर्त सारणी के मुताबिक अभी तक 119 तत्वों की खोज की गई है। जिसमे से धातुओं की संख्या अधिक है अर्थात 91 स्थान में तत्व धातु है और बाकी अधातु है। धातु को दो भागों में बांटा गया है:- • लोह धातु • अलोह धातु आईए इन दोनों प्रकार को परिभाषा से समझते हैं:- लोह धातु:- ऐसी धातु जिनमें लोहे की मात्रा अधिक पाई जाती है और कार्बन की कम मात्रा होती है, उन्हें लोहा धातु कहते हैं। अलोह धातु:- ऐसी धातु है जिनमें लोहे के कण बिल्कुल भी नहीं पाए जाते, अलोह धातु कहलाते हैं। आइए आपको कुछ धातुओं के नाम तथा उनके संकेत चिन्ह से अवगत करवाते हैं:- अधातु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करती है Also read: • • • धातु के गुण धातु मे निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं:- धात्विक चमक:- धातु में अपनी चमक होती है जिसे धात्विक चमक कहते हैं। सोना, चांदी इसके अच्छे उदाहरण है। कठोरता:- अधिकतर धातुएं कठोर होती है। किसी धातु मे कठोरता कम तो किसी में ज्यादा होती है। जैसे:- लोहा और तांबा इन...

ऊर्जा संरक्षण का नियम किसे कहते हैं? Urja Sanrakshan Ka Niyam Kise Kahate Hain?

ऊर्जा (Energy)ना तो उत्पन्न की जा सकती है; और ना ही नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है। जब भी ऊर्जाकिसी रूप में लुप्त होती है, तब ठीक उतनी ही ऊर्जा अन्य रूपों में प्रकट होती है। अतः विश्व की संपूर्ण ऊर्जा का परिमाण स्थिर रहता है। यह ऊर्जा-संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy) कहलाता है। by Pranav Kumar

ऊर्जा किसे कहते हैं? » Urja Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। ऊर्जा किसे कहते हैं विभिन्न संसाधनों से उत्पन्न हो सकती है जो हमें कार्य करने की क्षमता जोर प्रोवाइड कराती हो संसाधन कौन से हैं एक मनुष्य की बात करेंगे तो मनुष्य के लिए खाना है वह संसाधन एक इंजन की बात करेंगे तो डीजल पेट्रोल अगर किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बात करेंगे विभिन्न संसाधनों के द्वारा कार्य को संपादित कराने के लिए दी गई सकती जिसे हम काम करते हैं और सकते नहीं urja kise kehte hain vibhinn sansadhano se utpann ho sakti hai jo hamein karya karne ki kshamta jor provide karati ho sansadhan kaun se hain ek manushya ki baat karenge toh manushya ke liye khana hai vaah sansadhan ek engine ki baat karenge toh diesel petrol agar kisi electronic device ke baat karenge vibhinn sansadhano ke dwara karya ko sanpadit karane ke liye di gayi sakti jise hum kaam karte hain aur sakte nahi ऊर्जा किसे कहते हैं विभिन्न संसाधनों से उत्पन्न हो सकती है जो हमें कार्य करने की क्षमता जो

यांत्रिक ऊर्जा के उदाहरण

भौतिकी में किसी यांत्रिक प्रणाली के किसी अवयव में निहित स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy) कहते हैं। अर्थात यांत्रिक उर्जा किसी वस्तु की गति या उसकी स्थिति से सम्बन्धित है। उन वस्तुओं की अपेक्षा, जिनके अस्तित्व का अनुमान हम केवल तर्क के आधार पर कर सकते हैं, हमें उन वस्तुओं का ज्ञान अधिक सुगमता से होता है जिन्हें हम स्थूल रूप से देख सकते हैं। मनुष्य के मस्तिष्क में ऊर्जा के उस रूप की भावना सबसे प्रथम उदय हुई जिसका संबंध बड़े बड़े पिंडों से है और जिसे यंत्रों की सहायता से कार्यरूप में परिणात होते हम स्पष्टत: देख सकते हैं। इस यांत्रिक ऊर्जा के दो रूप हैं : एक स्थितिज ऊर्जा एवं दूसरा गतिज ऊर्जा। इसके विपरीत उस ऊर्जा का ज्ञान जिसका संबंध अणुओं तथा परमाणुओं की गति से है, मनुष्य को बाद में हुआ। इस कारण यह कम आश्चर्य की बात नहीं है कि न्यूटन से भी पहले फ्रांसिस बेकन की यह धारणा थी कि उष्मा द्रव्य के कणों की गति के कारण है। इस यांत्रिक ऊर्जा के दो रूप हैं : एक स्थितिज ऊर्जा एवं दूसरा गतिज ऊर्जा। इसके विपरीत उस ऊर्जा का ज्ञान जिसका ... स्थितिज ऊर्जा एवं गतिज ऊर्जा के पारस्परिक परिवर्तन का सबसे सुंदर उदाहरण सरल लोलक है