Durlabh kashyap gangster

  1. कहानी गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की जो माथे पर लगाता था तिलक, क्राइम करने के लिए देता था विज्ञापन
  2. Gangster Durlabh Kashyap Biography in Hindi । गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप के साथ उस रात क्या हुआ था
  3. Ujjain Gangster Durlabh Kashyap who used to take out advertisements for crime


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कहानी गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की जो माथे पर लगाता था तिलक, क्राइम करने के लिए देता था विज्ञापन

उज्जैन. आपने कई गैंगस्टर के किस्से कहानी सुनी और पढ़ी होंगी. हम आपको ऐसे बदमाश की कहानी बताने जा रहे हैं जो कच्ची उम्र में जुर्म की दुनिया पर राज करना चाहता था. उसका एक अलग स्टाइल था तो युवाओं के बीच काफी पॉपुलर भी हुआ. हम बात कर रहे हैं उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की. उसकी उम्र महज 20 साल की थी, लेकिन उसने लोगों के दिल में अपना खौफ बैठा लिया था. माथे पर तिलक, आंखों में काजल और कंधे पर काला कपड़ा दुर्लभ का स्टाइल स्टेटमेंट था. 6 सितंबर 2020 को हुए गैंगवार में उसकी मौत हो गई. उस पर कई आपराधिक मामल दर्ज थे. माना जाता है कि आज भी उसके नाम से कुछ गैंग एक्टिव हैं. दुर्लभ कश्यप का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2000 में हुए था. उसके पिता कारोबारी हैं और माता टीचर. बड़े अरमानों के साथ माता पिता ने अपने बेटे का नाम दुर्लभ रखा था. उन्होंने सोचा था कि बेटा बड़ा होगा तो कुछ हटकर काम करेगा लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई दुर्लभ जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ता गया. इतना ही नहीं उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल में क्राइम करने के लिए एक विज्ञापन भी लिख रखा था, ‘किसी भी तरह के विवाद के निपटारे के लिए संपर्क करें.’ दुर्लभ के पिता का कहना है कि कम उम्र में ही बच्चों पर ध्यान रखना चाहिए. अगर वो गलत रास्ते पर जाए तो देर होने से पहले उन्हें समझाना चाहिए. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता था दुर्लभ दुर्लभ ये भी पढ़ें: वह अक्सर सोशल मीडिया पर हथियार और अपने गैंग के साथ फोटो शेयर किया करता था. उसके हरकतें देख लोग उसे ‘उज्जैन का डॉन’ कहने लगे थे. दुर्लभ जैसे कपड़े पहनता था, उसके गैंग के लड़के भी ठीक वैसे ही तरह के ड्रेस पहनते थे. वह अपने गैंग के जरिए वसूली, रंगदारी, लूट जैसे कई वारदातों को अंजाम दिया करता ...

Gangster Durlabh Kashyap Biography in Hindi । गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप के साथ उस रात क्या हुआ था

Gangster Durlabh Kashyap / गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप कीपूरीकहानी • 16 साल की उम्र में जब दूसरे बच्चे आगे की पढाई के लिए सब्जेक्ट चुन रहे थे, तभी उसने अपराध का रास्ता चुन लिया था. • उसने तय कर लिया था कि वो बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनीयर या कोई अधिकारी नहीं बल्कि गैंगस्टर बनेगा. • उसकी उम्र सिर्फ 17 साल की थी जब उसने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर तहलका मचा दिया था. • उसने बहुत छोटी सी उम्र में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया और नामी गैंगस्टर्स की लिस्ट में शामिल हो गया. Durlabh Kashyap माथे पर लाल टीका, आँखों में काजल और काँधे पर काला गमछा लटकाए इस तस्वीर में मासूम सा दिख रहा ये लड़का असल में उज्जैन मध्यप्रदेश का मशहूर रहा गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप है. कौनथागैंगस्टर दुर्लभ कश्यप (Gangster Durlabh Kashyap) ? मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक कारोबारी पिता और सरकारी स्कूल में अध्यापिका माँ का इकलोता बेटा था गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप. उसका सपना था उज्जैन का सबसे बड़ा डॉन बनने का. वो सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपने फोटो डालता था दुर्लभ कश्यप का अपना अलग स्टाइल था. माथे पर लाल टीका, आँखों में काजल और काँधे पर काला गमछा, जिसे देखकर कई युवा उसके मुरीद हो जाते थे. आजकल गैंगस्टर्स इस तरह के फोटो और वीडियोस सोशल मिडिया पर अपलोड करते हैं, जिससे प्रभावित होकर कम उम्र के बच्चे उन्हें हीरो की तरह मानने लग जाते हैं और उनकी गैंग में शामिल हो जाते हैं, लेकिन जो चकाचोंध सोशल मीडिया पर दिखाई जाती है वैसा हकीकत में कुछ नहीं होता और अपराध का ये रास्ता आखिरकार उन्हें मौत की तरफ ही ले जाता है. दुर्लभ की गैंग में भी 100 के करीब युवा जुड़ गए थे, जिनमे से ज्यादातर नाबालिग थे. दुर्लभ कश्यप की गैंग के सभी सदस्य उसी की तरह मा...

Ujjain Gangster Durlabh Kashyap who used to take out advertisements for crime

मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2000 में जन्मा दुर्लभ कश्यप एक कारोबारी पिता और शिक्षिका मां की संतान था। दुर्लभ के पिता पहले मुंबई में व्यापार करते थे लेकिन बाद में वह इंदौर आ गए। जब दुर्लभ थोड़ा बड़ा हुआ तो उसने काम भी बड़े अजीब तरीके से शुरू किए। जैसे कि उसने अपनी फेसबुक की प्रोफाइल पर लिख रखा था कि- “किसी भी तरह के विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें”। दुर्लभ कश्यप सोशल मीडिया के जरिए धमकी देने के अलावा अपनी ड्रेसिंग के कारण भी चर्चा में रहता था। आंखों में काला सूरमा, माथे पर लंबा तिलक और कंधे पर गमछा उसकी और गैंग की पहचान बन चुकी थी। अक्सर हथियारों व गैंग के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने के लिए मशहूर दुर्लभ की गैंग में अधिकतर उसी से प्रभावित करीब 100 किशोर थे। कारनामों के चलते लोग उसे उज्जैन का डॉन भी कहने लगे थे। दुर्लभ कश्यप अपनी गैंग के सहारे इलाके में इसके अलावा दुर्लभ ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर खुद को कुख्यात बदमाश, हत्यारा और नामी अपराधी लिख रखा था। साथ ही विज्ञापन की शक्ल में अक्सर लिखता था कि किसी भी तरह के विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें। 16 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में उतरा दुर्लभ दो सालों में आतंक का पर्याय बन गया। हालांकि, साल 2018 में पुलिस प्रशासन ने कई प्रयासों के बाद दुर्लभ व उसकी गैंग का पर्दाफाश कर दिया था। पुलिस कार्रवाई के बाद दुर्लभ कश्यप को जेल भेज दिया गया लेकिन उसके नाम पर गैंग चलता रहा। साल 2020 में कोरोना के दौर में सभी कैदियों की तरह उसे भी रिहा किया गया। 6 सितंबर 2020 में वह रात को घर से बाहर निकला तो रास्ते में चाय की दुकान पर दूसरी गैंग से