धनतेरस आज है कि कल

  1. Dhanteras 2020: कब है धनतेरस आज या कल ?, जानिए सही तिथि और पूजा का शुभ मुहुर्त
  2. Dhanteras 2020: कल है धनतेरस जानें इस दिन क्यों खरीदी जाती है झाड़ू, ये है इससे जुड़ी मान्यताएं
  3. Dhanteras 2023: कब है धनतेरस, जानें कब करें खरीदारी शुभ मुहूर्त
  4. Dhanteras 2020: आज है धनतेरस, जानें आपके शहर में खरीदारी और पूजा का शुभ मुहूर्त
  5. Dhanteras 2022: धनतेरस आज या कल? जानें सही तारीख, पूजा विधि और खरीदारी का समय
  6. Dhanteras 2020 Date आज है धनतेरस या धनत्रयोदशी जानें इसकी सही तिथि और मुहूर्त के बारे में
  7. Dhanteras 2022 Date: धनतेरस आज मनाएं या कल? जानें क्या है खरीदारी का शुभ मुहूर्त
  8. Dhanteras 2021 : When Is Dhanteras This Year, Know Date Tithi, Puja Time Muhurat And Importance Story


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Dhanteras 2020: कब है धनतेरस आज या कल ?, जानिए सही तिथि और पूजा का शुभ मुहुर्त

Dhanteras 2020 : भारतीय संस्कृति व्यक्ति को निरन्तर कुछ न कुछ करने की अद्भुत प्रेरणा देती रहती है। जीवन में सत्कर्म करना इस संस्कृति का मूलभूत उद्देश्य है। इसी आधार पर चार प्रकार के पुरुषार्थोँ की अनूठी छठा देखने को मिलती है। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष। चारों पुरुषार्थोँ में अर्थ की महत्ता को देखते हुए अर्थ को धर्म के बाद सर्वोपरि स्थान दिया गया है। बडे-बडे ऋषि मुनियो ने भी अर्थ की सार्थकता को बड़े ही मुक्त भाव से स्वीकारा है। कोई भी कार्य बिना धन के संपन्न नहीं किया जा सकता। इस कारण प्रत्येक व्यक्ति की हार्दिक इच्छा होती है कि उस पर लक्ष्मी की अनुकम्पा बराबर बनी रहे। इसी लक्ष्मी की अनुकम्पा को उजागर करता है धनतेरस का त्योहार। इसे धन की त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस पांच दिन तक चलने वाले दीपावली पर्व का पहला दिन है। इसे धनत्रयोदशी, धन्‍वंतरि त्रियोदशी या धन्‍वंतरि जयंती भी कहा जाता है। मान्‍यता है कि क्षीर सागर के मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही माता लक्ष्‍मी और भगवान कुबेर प्रकट हुए थे। यह भी कहा जाता है कि इसी दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्‍वंतरि का जन्‍म हुआ था। यही वजह है कि इस दिन माता लक्ष्‍मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्‍वंतरि की पूजा का विधान है। धनतेरस पर्व की सही तिथि अमूमन धनतेरस का त्यौहार दीपावली से दो दिन पहले आता है। परन्तु इस बार धनतेरस की तिथि को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है। लोग असमंजस में हैं कि आखिर धनतेरस की खरीदारी और पूजा 12 नवंबर को करना शुभ है या 13 नवंबर को। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल धनतेरस की तिथि 12 तारीख को ही शुरु हो जाएगी, लेकिन धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना शुभ होगा। दिवाकर पंचांगानुसार आज रात्रि में 9:30 बजे त्रयोदशी तिथि ...

Dhanteras 2020: कल है धनतेरस जानें इस दिन क्यों खरीदी जाती है झाड़ू, ये है इससे जुड़ी मान्यताएं

• • Faith Hindi • Dhanteras 2020: कल है धनतेरस जानें इस दिन क्यों खरीदी जाती है झाड़ू, ये है इससे जुड़ी मान्यताएं Dhanteras 2020: कल है धनतेरस जानें इस दिन क्यों खरीदी जाती है झाड़ू, ये है इससे जुड़ी मान्यताएं दिवाली से ठीक पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, ऐसे में जानें इस दिन आखिर क्यों खरीदी जाती है झाड़ू dhanteras 2020 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras 2020) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल ये त्योहार 13 नवंबर को यानि की कल शुक्रवार को मनाया जाएगा. धनतेरस पर भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना की जाती है. धनतेरस से ही दीपों के त्योहार दिवाली की शुरुआत हो जाती है. यह त्योहार प्रमुख तौर पर भगवान धनवंतरि को समर्पित होता है. इस दिन लोग अपने घरों के लिए कई तरह के सामान खरीदते हैं. Also Read: • • • इस दिन लोग सोना, चांदी और पीतल के बर्तन खरीदते हैं. कहते हैं इस दिन अगर आप इन चीजों की खरीदारी करते हैं तो, इससे आपको घर में धन धान्य हमेशा बना रहेगा. इस दिन आप कुछ भी खरीदें लेकिन झाड़ू जरुर लें, क्योंकि झाड़ू को लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है. धनतेरस के दिन पीपल और चांदी की धातु खरीदने की प्राचीन परंपरा रही है. इसके अलावा धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है. जानिए कि आखिर धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदनी चाहिए. पुराणों में क्या है मान्यताएं धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की प्राचीन परंपरा है. झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, कहते हैं कि इस दिन अगर आप घर पर झाड़ू लेकर आते हैं तो इससे घर पर मां लक्ष्मी का वास होता है. इसके साथ ही अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो ऐसे में आप इस दिन झाड़ू जरुर खरीद पर घर पर लाएं. इ...

Dhanteras 2023: कब है धनतेरस, जानें कब करें खरीदारी शुभ मुहूर्त

धनतेरस रोशनी, उमंग और खुशियों के पर्व दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है जो हिन्दू धर्म का प्रमुख एवं प्रसिद्ध त्यौहार है। पांच दिवसीय पर्व दीपावली का प्रथम दिन होता है धनतेरस। यह दिन धन के कोषाध्यक्ष देव कुबेर और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित होता हैं और इस दिन इनका पूजन किया जाता है। सुख-समृद्धि एवं वैभवपूर्ण जीवन की कामना के लिए धनतेरस का दिन श्रेष्ठ होता है। हिन्दुओं के पवित्र त्यौहार धनतेरस को धन त्रयोदशी या धन्वन्तरि त्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस शब्द की उत्पति दो शब्दों से मिलकर हुई है "धन" और "त्रयोदशी" जिसका अर्थ है "धन" और तेरस या "त्रयोदशी" का अर्थ है तेरह। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तेरहवी तिथि या त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस 2023 की तिथि एवं मुहूर्त धनतेरस पूजा विधि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी एवं कुबेर देव की कृपा प्राप्त करने के लिए धनतेरस पूजा को इस प्रकार करें: • धनतेरस पर संध्या के समय शुभ मुहूर्त में उत्तर दिशा की तरफ देव कुबेर और भगवान धन्वंतरि की स्थापना करें। • इन्ही के साथ माता लक्ष्मी एवं श्री गणेश की भी मूर्ति या चित्र को स्थापित करना चाहिए। • इसके बाद दीपक प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन प्रारंभ करें। • सभी देवी-देवताओं को तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि अर्पित करें। • अब कुबेर देवता को सफेद मिठाई और धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। • इस पूजा के दौरान 'ऊं ह्रीं कुबेराय नमः' मंत्र का जाप करते रहें। • भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें? • धनतेरस के अवसर पर सोना, चाँ...

Dhanteras 2020: आज है धनतेरस, जानें आपके शहर में खरीदारी और पूजा का शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras 2020) मनाया जाता है. धनतेरस दिवाली (Diwali 2020) से पहले आता है. इस साल धनतेरस 13 नवंबर (शुक्रवार) यानी आज मनाया जा रहा है. धनतेरस पर खरीदारी का विशेष महत्व होता है. धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी की खरीदारी करते हैं, ताकि उनके घर में सुख और समृद्धि बनी रहे. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के शुभ दिन पर सोना, चांदी और बर्तन खरीदने से पूरे साल संपन्नता बनी रहती है. इस दिन भगवान धनवंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 59 मिनट के बीच है. इस दिन भगवान धनवंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. आपको बता दें कि भगवान धनवंतरि को विष्णु के रूप में माना जाता है, जो हाथ में अमृत कलश धारण किए होते हैं. मान्यता है कि धनतेरस के शुभ दिन पर सोना, चांदी और पीतल या अन्य धातु के सामान खरीदे जाते हैं. इसे भी पढ़ेंः धनतेरस मुहूर्त 2020 13 नवंबर, शुक्रवार धनतेरस मुहूर्त- शाम 5 बजकर 34 मिनट से शाम 6 बजे तक अवधि- 27 मिनट धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त इस वर्ष 13 नवंबर को धनतेरस पर खरीदारी के लिए कुल तीन मुहूर्त का निर्माण हो रहा है. -पहला मुहूर्त सुबह 7 से 10 बजे तक है. -दूसरा मुहूर्त दोपहर 1 से 2.30 बजे तक रहेगा. -तीसरा मुहूर्त शाम 5:27 से लेकर 5:59 तक मान्य रहेगा. इस दिन लोग घर और दुकान के अन्दर और बाहर दिया जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. साथ ही सोने-चांदी और अन्य धातुओं के साथ-साथ और भी कई तरह की चीजें खरीदते हैं. मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीदी गई वस्तुएं अक्षय फल देती हैं. साथ ही इस दिन शुभ मुहूर्त में घर और दुकान में पूजा-अर्चना कर...

Dhanteras 2022: धनतेरस आज या कल? जानें सही तारीख, पूजा विधि और खरीदारी का समय

धनतेरस इस बार दो दिन मनाई जा रही है, आज और कल। अंधकार से प्रकाश और असत्य पर सत्य के जीत का प्रतीक दीपावली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी। धनतेरस से पांच दिनों तक चलने वाला दीपोत्सव पर्व शुरू हो जाता है। इस दिन भगवान धन कुबेर, धनवंतरी और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान बताया गया है। पुराणों में लिखा है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है और धन लाभ होता है। धनतेरस 2022 पूजा मुहूर्त धनतरेस इस बार 22 अक्टूबर 2022 को शाम 06.03 बजे से शुरु होगी और त्रयोदशी तिथि का समापन 23 अक्टूबर 2022 को शाम 06.04 बजे होगा। पूजा का मुहूर्त 22 अक्टूबर 2022 की शाम का है, वहीं खरीदारी के लिए दोनों दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। धनतेरस 2022 शुभ योग त्रिपुष्कर योग – दोपहर 01.50 – शाम 06.02 इंद्र योग – 22 अक्टूबर 2022, शाम 05.13 – 23 अक्टूबर 2022, शाम 04.07 सर्वार्थ सिद्धि योग – 23 अक्टूबर 2022 को पूरे दिन अमृत सिद्धि योग – 23 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.34 – 24 अक्टूबर 2022, सुबह 06.31 धनतेरस पर पूजन की विधि धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें. इसके बाद “धनवंतरि स्तोत्र” का पाठ करें। पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें।” धनतेरस पर इस मुहूर्त में ना करें खरीदारी पंडितों के मुताबिक, धनतेरस पर राहु काल में खरीदारी करने से बचना चाहिए। 23 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक राहुकाल है इसलिए इस समय पर खरीदारी करने...

Dhanteras 2020 Date आज है धनतेरस या धनत्रयोदशी जानें इसकी सही तिथि और मुहूर्त के बारे में

Dhanteras 2020 Right Date: इस वर्ष धनतेरस की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति थी। लोगों यह नहीं समझ पा रहे थे कि धनतेरस 12 नवंबर को है या 13 नवंबर को। दरअसल हिन्दू धर्म के व्रत एवं त्योहार हिन्दी पंचांग की तिथियों के अनुसार ही मनाए जाते हैं। कई बार तिथियां और अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखें एक नहीं होती हैं। कई त्योहार और पर्व तिथियों में पड़ने वाली अवधि और काल पर निर्भर करते हैं, इसलिए कई बार त्योहारों की तारीखों पर असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है। धनतेरस आज मनाया जा रहा है। धनतेरस पूजा का मुहूर्त शुक्रवार 13 नवंबर को शाम 05 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 59 मिनट तक धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस 30 मिनट की अवधि में आपको धनतेरस की पूजा कर लेनी चाहिए। यमराज के लिए दीपक अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घर के बाहर यमराज के लिए एक दीपक जलाया जाता है। इसे यम दीपम या यम का दीपक भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और वे उस परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा करते हैं।

Dhanteras 2022 Date: धनतेरस आज मनाएं या कल? जानें क्या है खरीदारी का शुभ मुहूर्त

देशभर में आज धनतेरस के साथ दीवाली के पांच दिनों के महापर्व की शुरुआत हो गई है. हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. धनतेरस पर सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है. हालांकि इस साल धनतेरस के त्योहार को लेकर लोगों को बड़ा कन्फ्यूजन है. कुछ लोग आज धनतेरस मना रहे हैं तो कई लोग कल धरतेरस मनाने की बात कर रहे हैं. ऐसे में वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने लोगों की शंकाएं दूर कर बताया है कि इस बार धन त्रयोदशी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी शनिवार को शाम 4 बजकर 13 मिनट पर लग रही है और 23 अक्टूबर रविवार को शाम 4 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. आज ही करें धनतेरस की पूजा इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल बन रहा है. धनतेरस पर लक्ष्मी मां और कुबेर की पूजा त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में की जाती है इसलिए धनतेरस की पूजा आज ही करनी चाहिए. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. आपके पास धनतरेस की पूजा के लिए एक घंटे 15 मिनट का समय रहेगा. शुभ मुहूर्त में धनतेरस की पूजा करने मात्र से धन लक्ष्मी पूरे वर्ष हमारे घर में निवास कर सुख समृद्धि प्रदान करती हैं और कष्टों का निवारण करती हैं. कब करें धनतेरस की खरीदारी पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गई चीजों में तेरह गुना वृद्धि होती है. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन घरों में दीए जलाएं जाते हैं. धनतेरस पर खरीदारी आप ...

Dhanteras 2021 : When Is Dhanteras This Year, Know Date Tithi, Puja Time Muhurat And Importance Story

Dhanteras 2021: आज है धनतेरस, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त, कुबेर देव होंगे प्रसन्न जरूर करें ये काम Dhanteras 2021 : मान्यता है दीपावली पर कुबेर देव की एक प्रतिमा अलमारी या उस स्थान पर जहां धन रखा हो, वहां जरूर रखी जानी चाहिए. जिस तरह धनतेरस पर माता लक्ष्मी का पूजन होता है. उसी तरह कुबेर देव की भी पूजा की जानी चाहिए. नई द‍िल्‍ली : Dhanteras 2021 : दिवाली से पहले धनतेरस की तैयारियां जोरशोर से शुरू होने लगतीहैं. धन हर्ष और सुख, समृद्धि देने की मान्यता वाला ये पर्व इस साल 2 नवंबर, 2021 यानि आज (मंगलवार)मनाया जा रहा है. बता दें किदीपोत्सव की शुरूआत भी धनतेरस से ही होती है. बरसों से ये मान्यता चली आ रही है कि जो भी धनतेरस पर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करता है उसे धन और समृद्धि दोनों की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि धन तेरस पर नई वस्तुओं को खरीद कर घर लाया जाता है. दीपों से साज सज्जा के बाद घर में मां लक्ष्मी व कुबेर देव की पूजा होती है. भगवान धनवंतरी का भी होता है पूजन कई स्थानों पर धनवंतरि की पूजा की भी परंपरा है. माना जाता है कि भगवान धनवंतरि का जन्म धनतेरस पर ही हुआ था. भगवान धनवंतरी आयुर्वेद के जन्मदाता माने जाते हैं. उनके पूजन से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, इसलिए धनतेरस पर भगवन धनवंतरी की भी पूजा की जाती है. खास बात ये है कि धनवंतरी पूजा मेंप्रसाद में धनिया की पंजीरी या धना और गुड़ चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि इससे भगवान धनवंतरी श्रद्धालुओं को आरोग्य प्रदान करते हैं. कुबेर देव की पूजन विधि कुबेर देव धन के देवता तो हैं ही ये भी माना जाता है कि वो भगवान शिव के द्वारपाल हैं. रावण से भी उनका गहरा नाता माना जाता है. वो रावण के सौतेले भाई माने जाते हैं. पुराणों में...