अखंड भारत पर निबंध

  1. नए संसद भवन में अखंड भारत की तस्वीर पर बवाल, एस जयशंकर ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, कहा उसके पास इतनी शक्ति भी नहीं
  2. national integration essay in hindi
  3. Asaduddin Owaisi: अखंड भारत पर हो रही प्रचंड सियासत को लेकर देखिए 'दंगल' में बड़ी बहस
  4. Greater Nepal stands against Akhand Bharat map Kathmandu Mayor cliam on Himachal Pradesh Uttarakhand UP Bihar
  5. प्राचीनकाल में कैसा था अखंड भारत, क्या फिर बन सकता है भारत अखंड...
  6. Greater Nepal stands against Akhand Bharat map Kathmandu Mayor cliam on Himachal Pradesh Uttarakhand UP Bihar
  7. प्राचीनकाल में कैसा था अखंड भारत, क्या फिर बन सकता है भारत अखंड...
  8. national integration essay in hindi
  9. Asaduddin Owaisi: अखंड भारत पर हो रही प्रचंड सियासत को लेकर देखिए 'दंगल' में बड़ी बहस
  10. नए संसद भवन में अखंड भारत की तस्वीर पर बवाल, एस जयशंकर ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, कहा उसके पास इतनी शक्ति भी नहीं


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नए संसद भवन में अखंड भारत की तस्वीर पर बवाल, एस जयशंकर ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, कहा उसके पास इतनी शक्ति भी नहीं

विदेश मंत्री एस जयशंकर एक बार फिर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते नजर आए हैं. इस बार उन्होंने नए संसद भवन में लगी ‘अखंड’ भारत की तस्वीर को लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है. उनका कहना है अखंड भारत की ये तस्वीर अशोक सम्राज्य की सीमा को दर्शाती है. इसके अलावा ये एक जिम्मेदार और लोगों की भलाई के लिए काम करने वाली सरकार के विचार को भी दर्शाती है. जयशंकर का कहना है कि, पाकिस्तान इस बात को नहीं समझ सकता क्योंकि उसमें समझने की शक्ति नहीं है. एस जयशंकर ने ये बयान गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया. दरअसल देश के नए संसद भवन में एक भित्ति चित्र बनाया गया है जिसे ‘अखंड’ भारत का नक्शा कहा जा रहा है. इस नक्शे पर पाकिस्तान के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश और भूटान जैसे देशों ने भी नाराजगी जताई थी. इन देशों ने इस पर भारत से सफाई मांगी थी. क्यों मचा है हंगामा? इस नक्शे में गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी और तक्षशिला जैसी जगहों को दर्शाया गया है. इसके अलावा पुरूषपुर और सौवीर जैसी जगहों को भी दर्शाया गया है जो फिलहाल पाकिस्तान के पेशावर और सिंध प्रांत हैं. लुंबिनी वर्तमान में नेपाल में स्थित है और तक्षशिला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिण्डी जिले में है. इसके अलावा इसमें उन जगहों को भी दिखाया गया है जो फिलहाल फगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में है. नए संसद भवन में बना अखंड भारत को दर्शाने वाला भित्ति चित्र (फोटो- ट्विटर) बाकी देश समझ गए, पाकिस्तान के पास ये शक्ति भी नहीं- एस जयशंकर विदेश मंत्री से जब इस नक्शे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हमने बाकी देशों को इस भित्ति चित्र का अर्थ समझाया और वो समझ गए हैं. हमने उन्हें समझाया है कि य...

national integration essay in hindi

national integration essay in hindi | राष्ट्रीय एकता पर निबंध प्रस्तावना भारत एक विशाल देश है – उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक, पूर्व में नागालैंड से लेकर पश्चिम में गुजरात तक भारत माता का विशाल भव्य रूप सर्वदर्शनीय एवं पूजनीय है। भारत में अनेक प्रदेश हैं। यहांँ के निवासियों में अत्यधिक विविधता तथा अनेकरूपता है। तथापि इस विभिन्नता एवं अनेकरुपता में भी एक ऐसी एकता विद्यमान है जो हम सब को एक-दूसरे से मिलाए हुए है। एक ऐसा महत्वपूर्ण सूत्र है जो विविध मणियों को जोड़कर एक सुंदर बहुरंगी माला का रूप दे देता है। यह सूत्र ही हमारी भावनात्मक एकता है। यह भावनात्मक एकता ही संपूर्ण राष्ट्र में एक राष्ट्रीयता को जन्म देती है। राष्ट्रीयता राष्ट्रीयता की भावना ही वह ज्वलंत भावना है जो किसी देश के नागरिकों में देश-प्रेम और आत्म-गौरव की भावना पैदा करती है। इस पुनीत भावना के जाग्रत होने पर ही किसी राष्ट्र के नागरिक राष्ट्र के लिए हंँसते-हंँसते अपने प्राणों का बलिदान कर देते हैं। यह वह भावना है जो संपूर्ण देश के नागरिकों में एकता की इस भावना को जन्म देती है कि राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक मेरा भाई मेरा भाई है, उसकी सहायता व सहयोग करना मेरा परम कर्तव्य है। राष्ट्रीयता की भावना ही नागरिकों के हृदय में मातृभूमि का श्रद्धामय मातृरूप अंकित करती है। ये भी पढ़ें- जीवन में खेलकूद का महत्व पर निबंध | importance of sports in life essay in hindi राष्ट्र की धरती हमारी माता है उसका अन्न-जल खाकर हम पलते हैं, उसकी गोद में पलकर हम पुष्ट होते हैं और उसकी वायु में श्वास लेकर ही हम प्राणवान होते हैं। उस मातृभूमि का कण-कण हमारे प्राणों से प्यारा है। उसके कण-कण की रक्षा करना हमारा परम धर्म है। मा...

Asaduddin Owaisi: अखंड भारत पर हो रही प्रचंड सियासत को लेकर देखिए 'दंगल' में बड़ी बहस

AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने US में जाकर कहा है कि संसद में अखंड भारत का नक्शा लगाने से भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. ओवैसी ने अफगानिस्तान में मुस्लिम कट्टरपंथी तालिबानियों के हाथों अमेरिका की हार के हवाले ये भी तंज किया है कि भारत सरकार को अखंड भारत बनाने के लिए अफगानिस्तान से शुरुआत करनी चाहिए. देखिए दंगल. AIMIM President Owaisi has gone to the US and said that by putting a map of united India in the Parliament, the difficulties of the Government of India are going to increase. Referring to America's defeat at the hands of the Muslim fundamentalist Taliban in Afghanistan, Owaisi has also pointed out that the Government of India should start from Afghanistan to make a united India. Watch the big debate in Dangal with Chitra Tripathi.

Greater Nepal stands against Akhand Bharat map Kathmandu Mayor cliam on Himachal Pradesh Uttarakhand UP Bihar

Greater Nepal stands against Akhand Bharat map Kathmandu Mayor cliam on Himachal Pradesh Uttarakhand UP Bihar | Akhand Bharat Map: 'अखंड भारत' के विरोध में खड़ा हुआ 'ग्रेटर नेपाल'... ऐसे दिखी बौखलाहट | Hindi News Akhand Bharat Map: 'अखंड भारत' के विरोध में खड़ा हुआ 'ग्रेटर नेपाल'... ऐसे दिखी बौखलाहट Kathmandu Mayor Greater Nepal Map: भारत में 28 मई को नई संसद भवन का उद्घाटन हुआ जिसे लेकर देश की कई विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया. विरोध जताने वाले लोगों की लिस्ट में भारत का पड़ोसी मुल्क नेपाल भी था. नेपाल की नाराजगी संसद भवन के उद्घाटन से नहीं थी. बल्कि, संसद भवन के सेंट्रल हॉल में लगे अखंड भारत के नक्शे थी. अखंड भारत के नक्शे में नेपाल को भी भारत का हिस्सा दिखाया गया था और इसी वजह से पड़ोसी मुल्क नाराज चल रहा है. अखंड भारत के नक्शे के विरोध में काठमांडू के मेयर ने ग्रेटर नेपाल का नक्शा जारी किया है जिसे लेकर बवाल मच रहा है. ग्रेटर नेपाल के नक्शे में हिमाचल और बंगाल समेत भारत के कई हिस्सों को नेपाल का बताया गया है. नक्शा जारी करने वाले मेयर का नाम बालेंद्र शाह है. बालेंद्र शाह ने ये नक्शा भारत के नए संसद भवन में लगे अखंड भारत के नक्शे के विरोध में निकाला है. नेपाल सरकार ने नहीं की टिप्पणी नेपाल सरकार ने ग्रेटर नेपाल के नक्शे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वहीं कई राजनेताओं का कहना है कि जैसे भारत ने अपना कल्चरल मैप दिखाया है, उसी तरह नेपाल के कल्चर मैप से भी भारत को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने यहां तक कह दिया कि इस नक्शे को आधिकारिक तौर पर पेश किया जाना चाहिए, क्योंकि हमारे पास भी हक है कि हम अपना कल्चरल मैप जारी कर सकते हैं. अखं...

प्राचीनकाल में कैसा था अखंड भारत, क्या फिर बन सकता है भारत अखंड...

1. जम्बूद्वीप का एक खंड है भारतवर्ष : अखंड भारत शब्द तब प्रचलन में आया जबकि भारत खंड खंड हो गया। पुराणों के अनुसार धरती 7 द्वीपों की है- जम्बू, प्लक्ष, शाल्म, कुश, क्रौंच, शाक और पुष्कर। इसमें बीचोंबीच जम्बूद्वीप है जिसके नौ खंड है- नाभि, किम्पुरुष, हरिवर्ष, इलावृत, रम्य, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व और केतुमाल। इन 9 खंडों में नाभिखंड को अजनाभखंड और बाद में भारतवर्ष बोला जाने लगा। 2. ऋषभ पुत्र चक्रवर्ती भरत के नाम पर भारतवर्ष : भारतवर्ष को जम्बूद्वीप का एक हिस्सा माना गया है। भारतवर्ष के अंतर्गत आर्यावर्त नामक एक स्थान है। राजा अग्नीध्र जम्बूद्वीप के राजा था। अग्नीध्र के पुत्र महाराज नाभि एवं महाराज नाभि के पुत्र ऋषभदेव थे जिनके पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा। 3. प्राचीन भारत की सीमा : चक्रवर्ती सम्राट भरत के भारतवर्ष की सीमा प्राचीन काल में भारत की सीमा ईरान, अफगानिस्तान के हिन्दूकुश से लेकर अरुणाचल तक और कश्मीर से लेकर श्रीलंका तक। कुछ विद्वान दूसरी ओर अरुणाचल से लेकर इंडोनेशिया, मलेशिया तक सीमा होने का दावा भी करते हैं। इस संपूर्ण क्षेत्र में 18 महाजनपदों के सम्राटों का राज था जिसके अंतर्गत सैंकड़ों जनपद और उपजनपद थे। मार्केन्डय पुराण के अनुसार संपूर्ण भारतवर्ष के पूर्व, पश्चिम और दक्षिण की ओर समुद्र है जो कि उत्तर में हिमालय के साथ धनुष 'ज्या' (प्रत्यंचा) की आकृति को धारण करता है। 4. चाणक्य के काल में भारत : युधिष्ठिर के शासन के बाद आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में 321-22 ईसा पूर्व बिघरे हुए भारत को मिलाकर एक 'अखंड भारत' का निर्माण सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने किया था। इसके बाद उत्तर में सम्राट हर्षवर्धन और दक्षिण में पुलकेशिन द्वीतीय के शासन में ...

Greater Nepal stands against Akhand Bharat map Kathmandu Mayor cliam on Himachal Pradesh Uttarakhand UP Bihar

Greater Nepal stands against Akhand Bharat map Kathmandu Mayor cliam on Himachal Pradesh Uttarakhand UP Bihar | Akhand Bharat Map: 'अखंड भारत' के विरोध में खड़ा हुआ 'ग्रेटर नेपाल'... ऐसे दिखी बौखलाहट | Hindi News Akhand Bharat Map: 'अखंड भारत' के विरोध में खड़ा हुआ 'ग्रेटर नेपाल'... ऐसे दिखी बौखलाहट Kathmandu Mayor Greater Nepal Map: भारत में 28 मई को नई संसद भवन का उद्घाटन हुआ जिसे लेकर देश की कई विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया. विरोध जताने वाले लोगों की लिस्ट में भारत का पड़ोसी मुल्क नेपाल भी था. नेपाल की नाराजगी संसद भवन के उद्घाटन से नहीं थी. बल्कि, संसद भवन के सेंट्रल हॉल में लगे अखंड भारत के नक्शे थी. अखंड भारत के नक्शे में नेपाल को भी भारत का हिस्सा दिखाया गया था और इसी वजह से पड़ोसी मुल्क नाराज चल रहा है. अखंड भारत के नक्शे के विरोध में काठमांडू के मेयर ने ग्रेटर नेपाल का नक्शा जारी किया है जिसे लेकर बवाल मच रहा है. ग्रेटर नेपाल के नक्शे में हिमाचल और बंगाल समेत भारत के कई हिस्सों को नेपाल का बताया गया है. नक्शा जारी करने वाले मेयर का नाम बालेंद्र शाह है. बालेंद्र शाह ने ये नक्शा भारत के नए संसद भवन में लगे अखंड भारत के नक्शे के विरोध में निकाला है. नेपाल सरकार ने नहीं की टिप्पणी नेपाल सरकार ने ग्रेटर नेपाल के नक्शे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वहीं कई राजनेताओं का कहना है कि जैसे भारत ने अपना कल्चरल मैप दिखाया है, उसी तरह नेपाल के कल्चर मैप से भी भारत को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने यहां तक कह दिया कि इस नक्शे को आधिकारिक तौर पर पेश किया जाना चाहिए, क्योंकि हमारे पास भी हक है कि हम अपना कल्चरल मैप जारी कर सकते हैं. अखं...

प्राचीनकाल में कैसा था अखंड भारत, क्या फिर बन सकता है भारत अखंड...

1. जम्बूद्वीप का एक खंड है भारतवर्ष : अखंड भारत शब्द तब प्रचलन में आया जबकि भारत खंड खंड हो गया। पुराणों के अनुसार धरती 7 द्वीपों की है- जम्बू, प्लक्ष, शाल्म, कुश, क्रौंच, शाक और पुष्कर। इसमें बीचोंबीच जम्बूद्वीप है जिसके नौ खंड है- नाभि, किम्पुरुष, हरिवर्ष, इलावृत, रम्य, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व और केतुमाल। इन 9 खंडों में नाभिखंड को अजनाभखंड और बाद में भारतवर्ष बोला जाने लगा। 2. ऋषभ पुत्र चक्रवर्ती भरत के नाम पर भारतवर्ष : भारतवर्ष को जम्बूद्वीप का एक हिस्सा माना गया है। भारतवर्ष के अंतर्गत आर्यावर्त नामक एक स्थान है। राजा अग्नीध्र जम्बूद्वीप के राजा था। अग्नीध्र के पुत्र महाराज नाभि एवं महाराज नाभि के पुत्र ऋषभदेव थे जिनके पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा। 3. प्राचीन भारत की सीमा : चक्रवर्ती सम्राट भरत के भारतवर्ष की सीमा प्राचीन काल में भारत की सीमा ईरान, अफगानिस्तान के हिन्दूकुश से लेकर अरुणाचल तक और कश्मीर से लेकर श्रीलंका तक। कुछ विद्वान दूसरी ओर अरुणाचल से लेकर इंडोनेशिया, मलेशिया तक सीमा होने का दावा भी करते हैं। इस संपूर्ण क्षेत्र में 18 महाजनपदों के सम्राटों का राज था जिसके अंतर्गत सैंकड़ों जनपद और उपजनपद थे। मार्केन्डय पुराण के अनुसार संपूर्ण भारतवर्ष के पूर्व, पश्चिम और दक्षिण की ओर समुद्र है जो कि उत्तर में हिमालय के साथ धनुष 'ज्या' (प्रत्यंचा) की आकृति को धारण करता है। 4. चाणक्य के काल में भारत : युधिष्ठिर के शासन के बाद आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में 321-22 ईसा पूर्व बिघरे हुए भारत को मिलाकर एक 'अखंड भारत' का निर्माण सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने किया था। इसके बाद उत्तर में सम्राट हर्षवर्धन और दक्षिण में पुलकेशिन द्वीतीय के शासन में ...

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national integration essay in hindi | राष्ट्रीय एकता पर निबंध प्रस्तावना भारत एक विशाल देश है – उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक, पूर्व में नागालैंड से लेकर पश्चिम में गुजरात तक भारत माता का विशाल भव्य रूप सर्वदर्शनीय एवं पूजनीय है। भारत में अनेक प्रदेश हैं। यहांँ के निवासियों में अत्यधिक विविधता तथा अनेकरूपता है। तथापि इस विभिन्नता एवं अनेकरुपता में भी एक ऐसी एकता विद्यमान है जो हम सब को एक-दूसरे से मिलाए हुए है। एक ऐसा महत्वपूर्ण सूत्र है जो विविध मणियों को जोड़कर एक सुंदर बहुरंगी माला का रूप दे देता है। यह सूत्र ही हमारी भावनात्मक एकता है। यह भावनात्मक एकता ही संपूर्ण राष्ट्र में एक राष्ट्रीयता को जन्म देती है। राष्ट्रीयता राष्ट्रीयता की भावना ही वह ज्वलंत भावना है जो किसी देश के नागरिकों में देश-प्रेम और आत्म-गौरव की भावना पैदा करती है। इस पुनीत भावना के जाग्रत होने पर ही किसी राष्ट्र के नागरिक राष्ट्र के लिए हंँसते-हंँसते अपने प्राणों का बलिदान कर देते हैं। यह वह भावना है जो संपूर्ण देश के नागरिकों में एकता की इस भावना को जन्म देती है कि राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक मेरा भाई मेरा भाई है, उसकी सहायता व सहयोग करना मेरा परम कर्तव्य है। राष्ट्रीयता की भावना ही नागरिकों के हृदय में मातृभूमि का श्रद्धामय मातृरूप अंकित करती है। ये भी पढ़ें- जीवन में खेलकूद का महत्व पर निबंध | importance of sports in life essay in hindi राष्ट्र की धरती हमारी माता है उसका अन्न-जल खाकर हम पलते हैं, उसकी गोद में पलकर हम पुष्ट होते हैं और उसकी वायु में श्वास लेकर ही हम प्राणवान होते हैं। उस मातृभूमि का कण-कण हमारे प्राणों से प्यारा है। उसके कण-कण की रक्षा करना हमारा परम धर्म है। मा...

Asaduddin Owaisi: अखंड भारत पर हो रही प्रचंड सियासत को लेकर देखिए 'दंगल' में बड़ी बहस

AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने US में जाकर कहा है कि संसद में अखंड भारत का नक्शा लगाने से भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. ओवैसी ने अफगानिस्तान में मुस्लिम कट्टरपंथी तालिबानियों के हाथों अमेरिका की हार के हवाले ये भी तंज किया है कि भारत सरकार को अखंड भारत बनाने के लिए अफगानिस्तान से शुरुआत करनी चाहिए. देखिए दंगल. AIMIM President Owaisi has gone to the US and said that by putting a map of united India in the Parliament, the difficulties of the Government of India are going to increase. Referring to America's defeat at the hands of the Muslim fundamentalist Taliban in Afghanistan, Owaisi has also pointed out that the Government of India should start from Afghanistan to make a united India. Watch the big debate in Dangal with Chitra Tripathi.

नए संसद भवन में अखंड भारत की तस्वीर पर बवाल, एस जयशंकर ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, कहा उसके पास इतनी शक्ति भी नहीं

विदेश मंत्री एस जयशंकर एक बार फिर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते नजर आए हैं. इस बार उन्होंने नए संसद भवन में लगी ‘अखंड’ भारत की तस्वीर को लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है. उनका कहना है अखंड भारत की ये तस्वीर अशोक सम्राज्य की सीमा को दर्शाती है. इसके अलावा ये एक जिम्मेदार और लोगों की भलाई के लिए काम करने वाली सरकार के विचार को भी दर्शाती है. जयशंकर का कहना है कि, पाकिस्तान इस बात को नहीं समझ सकता क्योंकि उसमें समझने की शक्ति नहीं है. एस जयशंकर ने ये बयान गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया. दरअसल देश के नए संसद भवन में एक भित्ति चित्र बनाया गया है जिसे ‘अखंड’ भारत का नक्शा कहा जा रहा है. इस नक्शे पर पाकिस्तान के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश और भूटान जैसे देशों ने भी नाराजगी जताई थी. इन देशों ने इस पर भारत से सफाई मांगी थी. क्यों मचा है हंगामा? इस नक्शे में गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी और तक्षशिला जैसी जगहों को दर्शाया गया है. इसके अलावा पुरूषपुर और सौवीर जैसी जगहों को भी दर्शाया गया है जो फिलहाल पाकिस्तान के पेशावर और सिंध प्रांत हैं. लुंबिनी वर्तमान में नेपाल में स्थित है और तक्षशिला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिण्डी जिले में है. इसके अलावा इसमें उन जगहों को भी दिखाया गया है जो फिलहाल फगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में है. नए संसद भवन में बना अखंड भारत को दर्शाने वाला भित्ति चित्र (फोटो- ट्विटर) बाकी देश समझ गए, पाकिस्तान के पास ये शक्ति भी नहीं- एस जयशंकर विदेश मंत्री से जब इस नक्शे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हमने बाकी देशों को इस भित्ति चित्र का अर्थ समझाया और वो समझ गए हैं. हमने उन्हें समझाया है कि य...